दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। सोशल मीडिया ने एक बार फिर मानवता और तकनीक का अद्भुत संगम दिखाया है। झारखंड के साहिबगंज जिले से लापता एक आदिवासी युवती को जबलपुर में ढूंढ निकाला गया और उसे उसके परिजनों से मिलाया गया।
यह युवती करीब तीन महीने पहले लापता हो गई थी और उसे जबलपुर के बेलखाडू थाना क्षेत्र में पुलिस ने पाया था। प्रारंभिक जांच के बाद उसे मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और फिर मोक्ष आश्रय स्थल में रखा गया। यहां वह तीन महीने तक रही।
मोक्ष आश्रय के संचालक आशीष ठाकुर ने लगातार युवती से संवाद स्थापित करने की कोशिश की। भाषा की कठिनाई और मानसिक स्थिति के कारण युवती को ज्यादा कुछ याद नहीं था, पर लगातार प्रयास के बाद वह अपने गांव और माता-पिता का नाम बता सकी।
इसके बाद आशीष ठाकुर ने युवती का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया। यह वीडियो झारखंड के आमदंडा गांव में उसके फूफा ने देखा और उसे तुरंत पहचान लिया। वे तत्काल जबलपुर पहुंचे और आशीष ठाकुर से संपर्क किया।
फूफा ने बताया कि युवती की मां खेतों में मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करती हैं, जबकि पिता का पहले ही देहांत हो चुका है। जिला बाल कल्याण समिति को जैसे ही जानकारी मिली, उन्होंने युवती को बुलाकर काउंसलिंग की और परिजनों के साथ मिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।