Jabalpur News: संकट की घड़ी में अब याद रखें एक ही नंबर – 112

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। अब प्रदेश में इमरजेंसी की स्थिति में अलग-अलग नंबर याद रखने की जरूरत नहीं होगी। पुलिस, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, महिला हेल्पलाइन, साइबर क्राइम सहित अन्य सभी जरूरी सेवाएं एक ही नंबर डायल 112 पर उपलब्ध होंगी। यह कदम न सिर्फ आमजन के लिए राहत भरा होगा, बल्कि संकट की घड़ी में समय बचाने में भी कारगर साबित होगा। 

डायल 100 को किया जाएगा मर्ज, 112 बनेगा नया सेंटर 

मध्यप्रदेश पुलिस की डायल 100 सेवा को अब पूरी तरह डायल 112 में मर्ज किया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि अब डायल 100 पर कॉल करने पर भी कॉल ऑटोमैटिकली डायल 112 में ट्रांसफर होगी। फिलहाल दोनों नंबर एक्टिव हैं, लेकिन भविष्य में डायल 112 ही एकमात्र आपात नंबर के रूप में काम करेगा। 

एक ही नंबर से जुड़ेंगी 12 सेवाएं 

पुलिस मुख्यालय ने डायल 112 के दूसरे चरण को लागू करने की योजना तैयार कर ली है। इसके तहत 12 प्रमुख सेवाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। इसमें पुलिस, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम, रेलवे सुरक्षा, सड़क दुर्घटना सहायता जैसी सेवाएं शामिल हैं। एक बार कॉल करने पर सिस्टम पहचान लेगा कि कॉल किस प्रकार की है और उसे संबंधित विभाग को ट्रांसफर कर देगा। 

जुड़ने वाली प्रमुख सेवाएं 

महिला अपराध हेल्पलाइन (1090)- 112 से कॉल सीधे महिला डेस्क तक पहुंचेगी। 

एम्बुलेंस सेवा (108) इंटरेक्टिव वॉयस के जरिए एम्बुलेंस की लोकेशन और जरूरत का पता चल सकेगा। 

फायर ब्रिगेड (101)-आगजनी की घटनाओं में तत्काल सहायता के लिए कॉल रूटिंग की जाएगी। 

रेलवे मदद (139)- ट्रेन में किसी संकट की स्थिति में भी मदद मिलेगी। 

साइबर हेल्पलाइन (1930)- ऑनलाइन फ्रॉड या हैकिंग की शिकायतें तुरंत संबंधित डेस्क तक पहुंचेंगी। 

सड़क दुर्घटना सहायता (1099)- सड़क पर हादसे की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया मिलेगी। 

जनता को मिलेगा बड़ा लाभ

डायल 112 के तहत यह सभी सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलने से जनता को बड़ी राहत मिलेगी। अलग-अलग नंबरों को याद रखने और अलग-अलग डेस्क तक पहुंचने पहुंचने की जटिलता अब खत्म हो जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह इंटीग्रेटेड सिस्टम संकट की घड़ी में 'गोल्डन ऑवर' को बचाने में अहम भूमिका निभाएगा। पुलिस मुख्यालय के अनुसार, भविष्य में इसमें और सेवाएं भी जोड़ी जा सकती हैं, जैसे- एनडीआरएफ, बिजली विभाग, जल सेवा, आदि। साथ ही, एक मोबाइल ऐप भी विकसित किया जाएगा जिससे लाइव लोकेशन, रियल टाइम ट्रैकिंग और ऑटोमेटिक अलर्ट जैसी सुविधाएं भी आम जनता को मिल सकेंगी।

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