दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर शहर के बीचोबीच चल रहे एक हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ, जिसमें भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अतुल चौरसिया का नाम सामने आया है। इस सनसनीखेज मामले ने ना केवल राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
होटल 'अतिथि इन' में होती थी गुप्त बुकिंग, कोई रेकॉर्ड नहीं
अतुल चौरसिया द्वारा संचालित यह रैकेट शहर के गढ़ा बजरिया क्षेत्र में स्थित 'होटल अतिथि इन' में चलाया जा रहा था। आश्चर्यजनक रूप से, ग्राहकों की कोई एंट्री होटल रजिस्टर में नहीं की जाती थी। इससे यह साफ होता है कि पूरी व्यवस्था को पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारियों की जानकारी से छिपा कर चलाया जा रहा था।
ग्राहकों को एडवांस बुकिंग के जरिए बुलाया जाता था, और पहचान के बिना ही वे घंटों होटल में रंगरेलियां मनाते थे। पुलिस को छानबीन में होटल से सीसीटीवी फुटेज और कुछ डीवीआर डिवाइस मिले हैं, लेकिन ठोस दस्तावेजों की भारी कमी है, जिससे जांच में रुकावट आ रही है।
"शीतल किन्नर बनकर करता था फंसाने का काम"
असम से आई एक पीड़ित युवती ने चौकाने वाला बयान दिया है कि इस रैकेट में शामिल शीतल दुबे, जो अतुल का करीबी सहयोगी है, खुद को किन्नर बताकर लड़कियों को जाल में फांसता था। शीतल, जो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, पूरे देश के विभिन्न राज्यों से दलालों के संपर्क में था और लड़कियों की "काउंसलिंग" कर उन्हें मानसिक रूप से तोड़ता था।
वह लड़कियों को यह सिखाता था कि कौन ग्राहक कितना अमीर है और उसके सामने किस प्रकार का व्यवहार करना है। ये लड़कियां अत्यधिक मजबूरी में इस धंधे में ढकेली जाती थीं, और बदले में उन्हें बेहद कम पैसे दिए जाते थे।
अतुल के पास मिले आपत्तिजनक क्लिप्स
पुलिस को अतुल के पास से लड़कियों के डांस और अन्य आपत्तिजनक गतिविधियों के कई वीडियो मिले हैं। पीड़िता के अनुसार, उसे और दो अन्य लड़कियों को कई महीनों तक बंधक बनाकर जबरन देह व्यापार करवाया गया। विरोध करने पर उन्हें कमरे में बंद कर दिया जाता था।
नेताओं और अफसरों के नामों पर सन्नाटा
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि अतुल और शीतल कई बार लड़कियों को नेताओं और अफसरों के पास भी भेजते थे, लेकिन उनसे नाम और अन्य पहचान पूछने की सख्त मनाही होती थी। इस बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मामला केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पूरे तंत्र की मिलीभगत का है।
हालांकि पुलिस ने कुछ सबूत जब्त किए हैं, लेकिन बड़े नामों को उजागर करने में वह झिझक रही है। यह झिझक राजनीतिक दबाव का नतीजा भी हो सकती है।
भाजपा ने किया निष्कासन, लेकिन तस्वीरों से नहीं बच पा रहे नेता
भाजपा ने घटना के बाद अतुल चौरसिया को पार्टी से निकाल दिया है, लेकिन सोशल मीडिया पर उसकी भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर बेहद आक्रामक हो गई है। कई ट्रोलर्स ने पोस्ट किया:
"चाल, चरित्र और चेहरा पहचानिए, अब तो कर्म फल भुगतिए।"
भाजपा के बड़े नेताओं ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया है और 'नो कमेंट' की नीति अपनाई हुई है।
न्यायिक हिरासत में अतुल, शीतल फरार
फिलहाल अतुल चौरसिया को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, लेकिन उसका सहयोगी शीतल अभी भी पुलिस के हाथ नहीं आया है। पुलिस का कहना है कि उसकी तलाश जारी है। सवाल यह है कि क्या वह वाकई पुलिस से बच रहा है, या फिर उसे बचाया जा रहा है?