दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शहर में शिक्षा के व्यापारिककरण और शिक्षामाफियाओं की मनमानी के खिलाफ पेरेंट्स एसोसिएशन ऑफ़ मध्य प्रदेश ने मोर्चा खोल दिया है। एक प्रेस वार्ता आयोजित कर एसोसिएशन ने सरकार और विपक्ष दोनों पर गंभीर सवाल खड़े किए। एसोसिएशन का कहना है कि बीते वर्ष शिक्षा माफियाओं पर हुई कार्रवाई का कोई ठोस लाभ बच्चों और अभिभावकों को नहीं मिला, उल्टा प्रताड़ना और ज्यादा फीस का सामना करना पड़ा।
एसोसिएशन अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने बताया कि यूनिफॉर्म की मोनोपॉली, फीस वसूली में मनमानी, और बच्चों पर मानसिक दबाव जैसी समस्याएं अब भी जस की तस बनी हुई हैं। उच्च न्यायालय में जारी कार्यवाही में सरकार की ओर से जवाब तक दाखिल नहीं किया गया, जिससे कार्रवाई सिर्फ कागज़ों में सिमटकर रह गई है।
सचिन गुप्ता ने सवाल उठाया कि क्या सरकार शिक्षा माफियाओं के साथ है? और अगर नहीं, तो फिर अब तक ठोस कार्रवाई क्यों नहीं? साथ ही विपक्ष की चुप्पी को भी उन्होंने संदेहास्पद बताया। उन्होंने कहा कि जनता के मौलिक अधिकार—शिक्षा—को महंगा और अप्राप्त बनाकर सभी राजनीतिक पक्ष जिम्मेदार हैं।
एसोसिएशन ने घोषणा की कि अब "पूछता है पेरेंट्स" नामक अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत जबलपुर के हर गली, मोहल्ले, स्कूल, कोचिंग, वाहनों और नेताओं के घरों के पास पोस्टर लगाए जाएंगे, जिसमें सरकार और विपक्ष से सीधे सवाल पूछे जाएंगे।
सचिन गुप्ता ने साफ कहा कि अब समय आ गया है जब आम जनता को सड़कों पर उतरकर अपने अधिकारों की लड़ाई खुद लड़नी होगी। उन्होंने अपील की कि सभी पेरेंट्स, सामाजिक संगठन और छात्र इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और शिक्षा को व्यापार नहीं, अधिकार के रूप में स्थापित करने के लिए आवाज़ उठाएं।