गुरु पूर्णिमा 2025: आस्था, आराधना और आत्मचिंतन का पर्व आज, जानिए शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

 



आज 10 जुलाई 2025 को पूरे देश में गुरु पूर्णिमा का पर्व श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जा रहा है। इसे आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा या व्यास जयंती भी कहा जाता है।


यह दिन केवल आध्यात्मिक गुरु के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी व्यक्तियों के लिए समर्पित होता है जो जीवन में मार्गदर्शन, शिक्षा या संस्कार देते हैं।

गुरु पूर्णिमा को ऋषि वेदव्यास के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। इसी कारण इसे व्यास पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन गुरु के प्रति श्रद्धा, आभार और समर्पण प्रकट करने की परंपरा है।
गुरु मंत्र जाप और दान का महत्व

पौराणिक मान्यता है कि इस दिन बृहस्पति देवता की पूजा करने से बुद्धि, सम्मान और सफलता की प्राप्ति होती है। यदि आज के दिन कोई श्रद्धालु “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” का 108 बार जाप करता है, तो उसे विशेष लाभ मिलते हैं। साथ ही गुरु को श्रद्धा से दान-दक्षिणा देने की भी परंपरा है।
स्नान-दान और पूजा के शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:10 बजे से 04:50 बजे तक


अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 बजे से 12:54 बजे तक


विजय मुहूर्त: दोपहर 02:45 बजे से 03:40 बजे तक

इन मुहूर्तों में स्नान और दान-पुण्य करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।


गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि


यदि संभव हो तो इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि यह संभव न हो तो घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें। भगवान विष्णु को पीले फूल और हल्दी अर्पित करें, जबकि मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल फूल और श्रृंगार सामग्री चढ़ाएं।

फिर पूजा घर में घी का दीपक जलाकर गुरु पूर्णिमा व्रत कथा पढ़ें। यदि संभव हो तो व्रत रखें और शाम को सत्य नारायण कथा का आयोजन करें। लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें और अंत में लक्ष्मी-नारायण की आरती कर भगवान को भोग अर्पित करें। फिर प्रसाद बांटें और रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें।

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