Jabalpur News: पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। आरटीओ में पदस्थ रहे पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की जमानत याचिका पर सोमवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति प्रमोद अग्रवाल की एकलपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सौरभ शर्मा 4 फरवरी 2025 से न्यायिक अभिरक्षा में है और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में जेल में बंद है।

सुनवाई के दौरान सौरभ शर्मा के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि ईडी ने अब तक जो भी संपत्ति जब्त की है, वह सभी सौरभ की नहीं हैं। कुछ संपत्तियां दोस्तों व रिश्तेदारों के नाम पर हैं और उनसे उनका कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। वहीं, ईडी की ओर से पेश अधिवक्ता विक्रम सिंह ने तर्क दिया कि सौरभ शर्मा ने ही अवैध रूप से अर्जित धन से संपत्तियां खरीदीं और उन्हें दूसरों के नाम कर दिया।

ईडी के अनुसार, शर्मा के खिलाफ 108 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति की अटैचमेंट की गई है। साथ ही यह भी बताया गया कि जब हाल ही में सौरभ शर्मा के लॉकर्स की तलाशी ली गई, तो उसमें दो करोड़ रुपए के सोने के जेवरात मिले। ईडी का दावा है कि यह सम्पत्ति भी आरोपी की अवैध कमाई से अर्जित की गई है।

गौरतलब है कि लोकायुक्त की कार्रवाई के दौरान आरटीओ लिखी एक कार से 52 किलो सोना बरामद हुआ था, जो सौरभ शर्मा के दोस्त की बताई गई थी। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत प्रकरण दर्ज किया और सौरभ समेत 12 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। जिला अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सौरभ ने हाईकोर्ट का रुख किया था।

अब हाईकोर्ट का फैसला आने तक सौरभ शर्मा को न्यायिक हिरासत में रहना होगा। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एक सिविल मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है।

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