संवेदनशील स्थानों पर धार्मिक गतिविधियों की इजाज़त क्यों? हमीदिया अस्पताल में तनाव, डॉक्टरों का विरोध और प्रशासन पर उठते गंभीर प्रश्न
दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल।राजधानी के प्रतिष्ठित हमीदिया अस्पताल एक बार फिर धार्मिक गतिविधियों को लेकर विवादों के केंद्र में आ गया है। शुक्रवार को अस्पताल परिसर में इमरजेंसी वार्ड के पास दीवार पर हरे रंग से पेंट कर उस पर झंडे लगाने की घटना ने पूरे माहौल को गरमा दिया। यह काम कथित तौर पर कुछ बाहरी लोगों द्वारा किया गया, जिसने न केवल अस्पताल के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया, बल्कि वहां मौजूद डॉक्टरों और कर्मचारियों की चिंता भी बढ़ा दी।
डॉक्टरों ने जताया कड़ा विरोध, स्थिति हुई तनावपूर्ण
जैसे ही यह धार्मिक गतिविधि शुरू हुई, हमीदिया के जूनियर डॉक्टर (JUDA) और अस्पताल कर्मचारियों ने इसका तीखा विरोध किया। उन्होंने मौके पर पहुंचकर दीवार पर पेंट और झंडे लगाने वालों को रोका। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मामला बढ़ता देख पुलिस को मौके पर पहुंचकर हस्तक्षेप करना पड़ा।
JUDA ने बताया सुरक्षा और अनुशासन का उल्लंघन
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप गुप्ता ने इस मामले को सुरक्षा में गंभीर चूक करार देते हुए थाने और अस्पताल प्रशासन को लिखित शिकायत सौंपी है। उनका कहना है कि यह गतिविधि अस्पताल की शांति, मरीजों की सुरक्षा और उपचार व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा है। उन्होंने मांग की है कि ऐसे कृत्यों पर तत्काल रोक लगे और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए।
धार्मिक अतिक्रमण कोई नया मुद्दा नहीं
हमीदिया अस्पताल परिसर में धार्मिक अतिक्रमण का यह पहला मामला नहीं है। पिछले वर्ष भी लाइब्रेरी के पास बनी मजार के अवैध विस्तार को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें सिटी एसडीएम ने मौके का निरीक्षण कर अवैध निर्माणों की पहचान की थी। इसके बाद गांधी मेडिकल कॉलेज, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन की संयुक्त बैठक में सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया गया था।