दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान की भोपाल स्थित पुश्तैनी संपत्ति के उत्तराधिकार विवाद में अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के 14 फरवरी 2000 को पारित आदेश को दोषपूर्ण मानते हुए निरस्त कर दिया है और मामले की नए सिरे से सुनवाई के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट की जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आदेश में यह भी कहा है कि ट्रायल कोर्ट एक साल के भीतर इस प्रकरण का पटाक्षेप करे। यह आदेश भोपाल रियासत के अंतिम नवाब मोहम्मद हमीदुल्ला खान की संपत्ति को लेकर चल रहे बहुचर्चित उत्तराधिकार विवाद पर आया है।
यह मामला अरबों रुपये की संपत्ति से जुड़ा है, जिसमें हजारों एकड़ जमीन और अहमदाबाद पैलेस जैसी अचल संपत्तियां शामिल हैं। इस मामले में नवाब हमीदुल्ला खान के वंशज—बेगम सुरैया, नवाबजादी कमरताज राबिया सुल्तान सहित अन्य ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
मशहूर क्रिकेटर नवाब मंसूर अली खान पटौदी, उनकी पत्नी अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, पुत्र सैफ अली खान, बेटियां सबा सुल्तान और सोहा अली खान इस मामले में प्रतिवादी पक्षकार बनाए गए हैं। यसीर और फैजा सुल्तान की ओर से दावा किया गया कि नवाब की निजी संपत्ति पर सभी वैध वारिसों का अधिकार है।
भोपाल के अंतिम नवाब हाफिज सर हमीदुल्लाह खान की मौत के बाद उनकी बड़ी बेगम की बेटी साजिदा को भारत सरकार ने 1961 में वैध उत्तराधिकारी घोषित किया था। साजिदा, सैफ अली खान की परदादी थीं, जिनकी शादी पटौदी रियासत के नवाब इफ्तिखार अली खान से हुई थी। इस तरह मंसूर अली खान पटौदी और फिर उनके बेटे सैफ को इस विरासत का उत्तराधिकारी माना गया।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सैफ अली खान और उनके परिवार को आने वाले दिनों में कानूनी मोर्चे पर बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ट्रायल कोर्ट में अब सभी पक्षों को फिर से अपनी दलीलें रखनी होंगी और साक्ष्य के आधार पर फैसला लिया जाएगा।