RSS कार्यकर्ता के बेटे की हत्या… क्या इंटरनेशनल साज़िश? पाकिस्तान कनेक्शन की गूंज, पिता बोले— न दुश्मनी थी, न धमकी… फिर क्यों मारा गया मेरा बेटा?

दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली (एजेंसी)। पंजाब के फिरोजपुर में RSS कार्यकर्ता बलदेव अरोड़ा के 38 वर्षीय बेटे नवीन अरोड़ा की टारगेट किलिंग ने पूरे प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 15 नवंबर की शाम मोची बाजार में दो बाइक सवार बदमाशों ने मास्क पहनकर नवीन पर गोलियां दाग दीं। घटना ने न सिर्फ शहर को दहला दिया, बल्कि पुलिस-एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया है।

पिता बलदेव अरोड़ा सदमे में हैं। उनका कहना है— "न कभी झगड़ा, न कोई दुश्मनी, न धमकी… फिर क्यों उसे निशाना बनाया गया?"

नवीन दो बच्चों— 2 साल के बेटे और 8 साल की बेटी— का पिता था।

पुलिस की शुरुआती जांच में लूट, रंजिश और फिरौती के एंगल खारिज हो चुके हैं। पंजाब पुलिस अब इसे टारगेट किलिंग मानकर आगे बढ़ रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हत्या का मोटिव नवीन का RSS बैकग्राउंड हो सकता है।

सूत्र बताते हैं कि हत्या की प्लानिंग प्रोफेशनल तरीके से हुई और इसके पाकिस्तान कनेक्शन की भी जांच की जा रही है। कई सुराग अंतरराष्ट्रीय मॉड्यूल की ओर इशारा कर रहे हैं। पंजाब में पहले भी ऐसी इंटरनेशनल टारगेट किलिंग सामने आ चुकी है, जिनकी फंडिंग और प्लानिंग विदेशों— खासकर पाकिस्तान— से जुड़ी पाई गई थी।

इस केस में अब तक 3 आरोपी पकड़े जा चुके हैं, जबकि 2 फरार हैं। पूछताछ में सामने आया कि साजिश कनव नामक युवक की बर्थडे पार्टी में रची गई थी। मास्टरमाइंड जतिन ने साथियों को पैसे का लालच देकर शामिल किया। हथियार पंजाब के बाहर से मंगाया गया, जिसकी सोर्सिंग की जांच जारी है।

सोशल मीडिया में खालिस्तानी संगठन के नाम से वायरल पत्र की भी पुलिस ने जांच की और उसे पूरी तरह फर्जी बताया। न आपसी रंजिश, न धार्मिक विवाद— जांच अब केवल RSS टारगेटिंग और इंटरनेशनल नेटवर्क पर केंद्रित है।

इस बीच RSS कार्यकर्ताओं ने भी आशंका जताई है कि संगठन की बढ़ती गतिविधियों को रोकने के लिए सॉफ्ट टारगेट हिट किया गया है।

पुलिस मान रही है कि यह हमला बाकी टारगेट किलिंग— जैसे 2016–2017 में RSS पदाधिकारियों की हत्या— जैसा ही पैटर्न दिखा रहा है।

भीड़भाड़ वाले इलाके में बाइक सवार हमलावर, नजदीक से गोलियों की बौछार, मास्क और प्रोफेशनल प्लानिंग— सब कुछ पहले की हत्याओं जैसा।

पंजाब पुलिस की सीमाएँ देखते हुए, इस केस में NIA की एंट्री लगभग तय मानी जा रही है। दो–तीन दिनों में रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाएगी।

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