MP News: भोपाल में BJP कार्यालय घेरने निकले कांग्रेस कार्यकर्ता गिरफ्तार, वॉटर कैनन से हालात बेकाबू

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार किए जाने के बाद कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है। इसी फैसले के विरोध और केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों के बीच बुधवार को भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ता बीजेपी कार्यालय का घेराव करने निकले।

पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के तहत बैरिकेडिंग कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बीच रास्ते में ही रोक दिया। इस दौरान बैरिकेडिंग पर चढ़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। तेज पानी के प्रेशर से कई कार्यकर्ता सड़क पर गिर पड़े और चोटिल हो गए। मौके पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी सहित कांग्रेस नेताओं की पुलिस से तीखी बहस भी हुई।

हालात बिगड़ते देख पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बसों में बैठाकर हिरासत में ले लिया। आरोप है कि इसी दौरान जीतू पटवारी के इशारे पर कुछ कार्यकर्ताओं ने पुलिस बस को घेर लिया, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी की स्थिति बन गई।

इस प्रदर्शन में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रीना बोरासी, भोपाल शहर अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, ग्रामीण अध्यक्ष अनोखी पटेल, पूर्व मंत्री पीपी शर्मा, गोविंदपुर के पूर्व प्रत्याशी रविंद्र साहू, मनोज शुक्ला सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे। प्रदर्शन में महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं की भी उल्लेखनीय भागीदारी रही।

बीजेपी का पलटवार


कांग्रेस के प्रदर्शन पर बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस बस में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी बैठे थे, उसी से कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का इशारा किया गया, जिससे जानबूझकर हालात बिगाड़े गए। अग्रवाल ने कहा कि यह आंदोलन कम और नेतृत्व के इशारे पर किया गया ड्रामा ज्यादा था। उन्होंने कांग्रेस पर अराजकता फैलाने और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया।

कोर्ट का फैसला


दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ED द्वारा दायर चार्जशीट किसी वैध FIR पर आधारित नहीं थी, इसलिए वह कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है। कोर्ट के मुताबिक, धनशोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई तभी संभव है जब मामला एक वैध FIR पर आधारित हो। इसी आधार पर अदालत ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं के खिलाफ ED की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया।

नेशनल हेराल्ड मामला


नेशनल हेराल्ड मामला वर्ष 2012 से चर्चा में है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर यह मामला सामने आया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के कर्ज को गांधी परिवार से जुड़ी कंपनी यंग इंडियन को सौंपकर संपत्तियों का गलत लाभ उठाया गया। ED ने इसे धनशोधन का मामला बताया था।

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