इंडिगो संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त: पूछा– एयरलाइन फेल हुई तो सरकार ने क्या किया, ₹4 हजार का टिकट ₹30 हजार कैसे पहुंचा

दैनिक सांध्य बन्धु (एजेंसी) नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस के ऑपरेशनल संकट और अचानक बढ़े हवाई किरायों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि जब इंडिगो का सिस्टम फेल हुआ, तब सरकार ने समय रहते क्या कदम उठाए। फ्लाइट टिकट की कीमतें 4–5 हजार रुपए से बढ़कर 30 हजार रुपए तक कैसे पहुंच गईं और दूसरी एयरलाइंस ने इस हालात का फायदा कैसे उठाया।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेदेला की डिवीजन बेंच इंडिगो संकट से जुड़ी जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में संकट की स्वतंत्र न्यायिक जांच और फ्लाइट रद्द होने या एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों को मुआवजा देने की मांग की गई है।

कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ यात्रियों की असुविधा का मामला नहीं है, बल्कि इससे देश को आर्थिक नुकसान भी हुआ है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने।

कोर्ट की सख्त टिप्पणियां

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि किराया नियंत्रण और अन्य कदम 4–5 दिन की देरी से उठाए गए। इसी दौरान टिकटों के दाम कई गुना बढ़ गए। कोर्ट ने यह भी पूछा कि यात्रियों से एयरलाइन स्टाफ के व्यवहार और पायलटों के काम के घंटों की गाइडलाइन समय पर लागू क्यों नहीं की गई।

सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि किराए पर सख्त कैप लगाया गया है और हालात काबू में लाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं दिखा।

DGCA की सख्ती: इंडिगो हेडक्वार्टर में स्टाफ तैनात

इंडिगो संकट को देखते हुए DGCA ने बड़ा कदम उठाया है। अब DGCA अपने अधिकारियों को इंडिगो के गुरुग्राम स्थित मुख्यालय में तैनात करेगा। आठ सीनियर कैप्टन की निगरानी टीम बनाई गई है, जिसमें से दो कैप्टन और दो सरकारी अधिकारी लगातार इंडिगो के संचालन पर नजर रखेंगे। यह टीम फ्लाइट कैंसिलेशन, क्रू की कमी, अनप्लान्ड लीव और प्रभावित रूट्स की रोजाना रिपोर्ट DGCA को देगी।

इसके अलावा, अगले 2–3 दिनों में DGCA के सीनियर अधिकारी देश के 11 एयरपोर्ट—नागपुर, जयपुर, भोपाल, सूरत, तिरुपति, विजयवाड़ा, शिरडी, कोचीन, लखनऊ, अमृतसर और देहरादून—पर ऑन-साइट निरीक्षण करेंगे।

CEO को समन, DGCA की भी जांच

DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को गुरुवार दोपहर 3 बजे पेश होने का समन भेजा है। वहीं, नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि इस पूरे मामले में सिर्फ इंडिगो ही नहीं, बल्कि DGCA की भूमिका की भी जांच होगी। मंत्री ने यात्रियों से हुई परेशानी के लिए माफी मांगते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो इंडिगो के CEO को हटाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

क्षमता से ज्यादा उड़ानें, बढ़ा सिस्टम पर दबाव

DGCA के अनुसार, इंडिगो ने अपनी वास्तविक क्षमता से ज्यादा उड़ानों का शेड्यूल लिया। एयरलाइन ने 403 विमानों की क्षमता दिखाकर विंटर शेड्यूल में 6% ज्यादा उड़ानें लीं, जबकि अक्टूबर में सिर्फ 339 और नवंबर में 344 विमान ही ऑपरेट हो पाए। नवंबर में 64,346 शेड्यूल्ड फ्लाइट्स में से करीब 4,900 उड़ानें नहीं हो सकीं।

सरकार का एक्शन: 10% उड़ानें घटाईं

हालात काबू में लाने के लिए सरकार ने इंडिगो की 10% फ्लाइट्स घटाने का आदेश दिया है। यह कटौती हाई-डिमांड रूट्स पर लागू होगी, जिससे रोजाना करीब 230 उड़ानें कम हो जाएंगी। DGCA ने इंडिगो को नया फ्लाइट शेड्यूल जमा करने के निर्देश दिए हैं।

पिछले 8 दिनों में देशभर में करीब 5,000 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे लाखों यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में आगे भी सुनवाई जारी रहेगी।

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