दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पनागर थाना क्षेत्र में आभूषण कारोबारी से हुई सनसनीखेज डकैती के बाद जबलपुर पुलिस ने आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। डकैती की वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हुए बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें उत्तरप्रदेश और बिहार सीमा तक दबिश दे रही हैं। क्राइम ब्रांच के साथ कुल 8 विशेष पुलिस टीमें मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार—तीनों राज्यों में सक्रिय रूप से छानबीन कर रही हैं।
अब तक की जांच में पुलिस अधिकारियों का मानना है कि वारदात के बाद डकैत रीवा की ओर से उत्तरप्रदेश की तरफ भागे हैं। इसी कड़ी में जबलपुर पुलिस ने बिहार एटीएस से भी संपर्क साधा है, ताकि अंतरराज्यीय नेटवर्क के जरिए आरोपियों तक जल्द पहुंचा जा सके। पुलिस का दावा है कि बदमाशों की गतिविधियों से जुड़े अहम सुराग हाथ लगे हैं और जल्द ही गिरफ्तारी संभव है।
16 दिसंबर की वारदात से मचा हड़कंप
गौरतलब है कि 16 दिसंबर की शाम करीब 7:30 बजे पनागर के कमानिया गेट स्थित भूरा ज्वैलर्स में उस समय हड़कंप मच गया था, जब बदमाशों ने दुकान संचालक सुनील सराफ और उनके बेटे संभव सराफ पर हमला कर दिया। इसके बाद बदमाश सोने-चांदी के जेवरात और नगदी से भरा बैग लेकर फरार हो गए थे। बदमाश करीब 900 ग्राम सोना, 19 किलो 750 ग्राम चांदी और लगभग 18 लाख रुपए नगद लूट ले गए थे।
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने जिले भर में नाकाबंदी कराई। मंगलवार रात करीब 8 बजे से पनागर थाना पुलिस के साथ गोसलपुर, सिहोरा, अधारताल, माढ़ोताल, तिलवारा, बरगी, खितौला, मझगवां और मझौली थाना पुलिस को अलर्ट किया गया, लेकिन देर रात तक किसी भी संदिग्ध को पकड़ा नहीं जा सका।
एसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच सक्रिय
इस सुनियोजित और सनसनीखेज लूटकांड को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय के निर्देश पर क्राइम ब्रांच को जांच में लगाया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों ने वारदात को पूरी योजना के साथ अंजाम दिया है, इसलिए हर पहलू से जांच की जा रही है। दुकान संचालक, कर्मचारियों और आसपास के लोगों से लगातार पूछताछ जारी है।
साइबर सेल कर रही कॉल डिटेल की गहन जांच
डकैती के बाद साइबर सेल को भी जांच में अहम भूमिका दी गई है। पुलिस ने खितौला सहित बैंक और आसपास के क्षेत्रों में लगे सभी मोबाइल टावरों का डेटा खंगालना शुरू कर दिया है। घटना से पहले शाम करीब 5 बजे से लेकर रात 8 बजे तक सक्रिय रहे मोबाइल नंबरों की एक-एक कॉल डिटेल सर्च की जा रही है। संदिग्ध नंबरों को चिन्हित कर उनकी लोकेशन और मूवमेंट की जानकारी जुटाई जा रही है।
नेफिस से भी मिल सकती है बड़ी सफलता
जांच में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा संचालित नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (नेफिस) का भी सहारा लिया जा रहा है। पुलिस टीम नेफिस के जरिए फिंगरप्रिंट मिलान कर पुराने अपराधियों से कनेक्शन तलाश रही है। पूर्व में कई मामलों में नेफिस से पुलिस को सफलता मिल चुकी है, ऐसे में इस मामले में भी इससे अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।
जल्द गिरफ्तारी का दावा
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। तीन राज्यों में चल रही सघन कार्रवाई और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस को भरोसा है कि आरोपी ज्यादा दिन कानून की पकड़ से बाहर नहीं रह पाएंगे।
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