दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। टोल प्लाजा कारोबार की आड़ में करोड़ों रुपये की कथित चिटिंगबाजी करने के आरोपी अमित खम्परिया की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ने उसके खिलाफ दर्ज न हो पाए पुराने प्रकरणों की फाइलें भी खोल दी हैं। शहर के चार थानों—कोतवाली, ओमती, मदन महल और संजीवनी नगर—में लंबे समय से पेंडिंग पड़े शिकायती आवेदनों की दोबारा समीक्षा की जा रही है और संबंधित फरियादियों से संपर्क कर बयान लिए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है और जल्द ही इस मामले का दायरा और व्यापक हो सकता है। क्राइम ब्रांच और धनवंतरी नगर पुलिस चौकी की संयुक्त टीम ने अमित खम्परिया और उसके पिता को नागपुर से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से पूरे मामले की परतें खुलने लगी हैं।
जांच में सामने आया है कि अमित खम्परिया ने टोल प्लाजा और अन्य व्यवसायों में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का लालच देकर कई लोगों से मोटी रकम निवेश करवाई। 80 वर्षीय गोपीकृष्ण माहेश्वरी, निवासी सहसीपुर, जिला भदोही (उत्तरप्रदेश) ने पुलिस को बताया कि उनकी पहचान अमित खम्परिया से आनंद तिवारी के माध्यम से हुई थी। खम्परिया ने टोल प्लाजा में भारी मुनाफा होने का दावा करते हुए उन्हें निवेश के लिए तैयार किया।
माहेश्वरी के अनुसार कुंवरपुर टोल प्लाजा के नाम पर एनएचएआई में 3 करोड़ 38 लाख रुपये जमा कराए गए, जिसमें से 2 करोड़ 6 लाख रुपये उनके द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र, संजीवनी नगर ब्रांच में आरटीजीएस के माध्यम से अमित खम्परिया के बताए खाते में ट्रांसफर किए गए।
इसी तरह शिकायतकर्ता सचिन गुप्ता ने बताया कि उनसे तीन किश्तों में 1 करोड़ 26 लाख रुपये लिए गए। बाद में जब उन्होंने एनएचएआई से जानकारी निकाली तो पता चला कि टोल प्लाजा से जुड़े वाहनों की संख्या की गलत जानकारी दी जा रही थी। परेशान होकर रकम वापस मांगने पर केवल 78 लाख रुपये लौटाए गए और 48 लाख रुपये अब भी बकाया हैं।
मामले में एक और गंभीर आरोप पंचायत समन्वय अधिकारी राजेश झारिया द्वारा लगाया गया है, जिन्होंने 11 जनवरी 2021 को एसपी ऑफिस और थाना संजीवनी नगर में शिकायत दी थी। उनका आरोप है कि अमित खम्परिया ने उनसे अवैध राशि की मांग की और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए धमकी भी दी।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी पुराने आवेदनों की जांच की जा रही है और तथ्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
