शाह का राहुल पर तंज—थकिए मत, तमिलनाडु-बंगाल में भी हारना है; 2029 में फिर मोदी सरकार

दैनिक सांध्य बन्धु (एजेंसी) अहमदाबाद । अहमदाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। शाह ने कहा कि राहुल गांधी बार-बार इसलिए चुनाव हारते हैं क्योंकि वे डेवलपमेंट की पॉलिटिक्स नहीं समझते। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “राहुल आप अभी से थकिए मत, आगे भी हारना है। आपको पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी चुनाव हारना है। 2029 में पीएम मोदी के नेतृत्व में BJP फिर से सत्ता में आएगी।”

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति देश की सोच और जनता की अपेक्षाओं से मेल नहीं खाती। उनका आरोप था कि राहुल गांधी विकास और सुशासन जैसे अहम मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय कानूनी और तकनीकी विषयों में उलझे रहते हैं, जो उनकी प्राथमिकता भी नहीं होनी चाहिए। शाह ने कहा कि आम लोगों की वास्तविक समस्याओं से दूरी ही कांग्रेस की लगातार हार का मुख्य कारण है।

उन्होंने कहा कि BJP को बार-बार जनादेश इसलिए मिला क्योंकि पार्टी ने भरोसे, विकास और संवेदनशील शासन के मॉडल पर काम किया। इसके उलट कांग्रेस ने उन नीतिगत फैसलों का भी विरोध किया, जिन्हें जनता का व्यापक समर्थन मिला। शाह ने राम मंदिर, सर्जिकल स्ट्राइक, आर्टिकल 370, यूनिफॉर्म सिविल कोड, तीन तलाक और अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई जैसे मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हर बड़े फैसले का विरोध किया, फिर वोट मिलने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।

शाह ने यह भी कहा कि राहुल गांधी संसद में कांग्रेस की चुनावी हार को लेकर सवाल उठाते हैं, लेकिन दो पब्लिक प्रोग्राम के नतीजे ही इस सवाल का जवाब दे देते हैं। जनता विकास आधारित राजनीति को समझती है और उसी को समर्थन देती है।

इसी कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने अहमदाबाद के पश्चिमी इलाके में 27 किलोमीटर लंबी नई ड्रेनेज लाइन का उद्घाटन भी किया। यह ड्रेनेज लाइन बिना सड़क खोदे आधुनिक तकनीक से बनाई गई है। शाह ने इसे इंजीनियरिंग का बेहतरीन उदाहरण बताया और कहा कि इस प्रोजेक्ट से 9 वार्डों के करीब 15 लाख लोगों को फायदा मिलेगा। 4500 सोसायटियों में वर्षों पुरानी गटर की समस्या खत्म होगी।

उन्होंने बताया कि वणझर इलाके में 1973 के बाद बसे परिवारों की कानूनी समस्याएं भी अब हल कर दी गई हैं और उन्हें उनके प्लॉट कानूनी रूप से मिल गए हैं। करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से पूरे हुए इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ बुनियादी सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में भी सुधार आएगा।

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