Jabalpur News: एकलव्य आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राएं सड़क पर उतरे, प्राचार्य पर लगाया प्रताड़ना का आरोप

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। आज सोमवार सुबह रामपुर छापर स्थित एकलव्य आवासीय विद्यालय का माहौल उस वक्त अचानक तनावपूर्ण हो गया, जब छात्र-छात्राएं हॉस्टल से बाहर निकलकर नारेबाजी करते हुए सड़क पर आ गए। बच्चों के सड़क पर आने की सूचना मिलते ही विद्यालय प्रबंधन और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।

कलेक्टर से मिलने निकले थे छात्र


आक्रोशित छात्र-छात्राओं का कहना था कि वे अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर से मिलने जा रहे थे। उनका आरोप है कि विद्यालय की प्राचार्य द्वारा उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और इस संबंध में पहले की गई शिकायतों पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

प्रशासन ने मौके पर संभाला हालात


सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और बच्चों को रामपुर जोगनी मंदिर के पास ही रोक लिया गया। मौके पर स्वयं एसडीएम अनुराग सिंह पहुंचे और स्थिति को संभाला। उन्होंने बच्चों को शांत किया और सड़क पर बैठकर उनकी समस्याएं गंभीरता से सुनीं, जिसके बाद छात्रों का आक्रोश कुछ हद तक शांत हुआ।

व्यवस्थाओं में सुधार न होने का आरोप


छात्रों ने एसडीएम को बताया कि आवासीय विद्यालय में लंबे समय से कई समस्याएं बनी हुई हैं। भोजन, रहन-सहन और अनुशासन के नाम पर कथित मानसिक दबाव से वे परेशान हैं। छात्रों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं किया गया।

प्राचार्य पर लगाए गंभीर आरोप


बच्चों ने विद्यालय की प्राचार्य आशा रानी पर मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए। छात्रों का कहना है कि भय और दबाव के माहौल में पढ़ाई करना मुश्किल हो गया है, लेकिन उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है। इसी मजबूरी में उन्हें सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज कराना पड़ा।

एसडीएम ने दिया आश्वासन


एसडीएम अनुराग सिंह ने बच्चों को भरोसा दिलाया कि उनकी सभी शिकायतों और मांगों से कलेक्टर को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी और किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

समझाइश के बाद लौटे छात्र


प्रशासनिक आश्वासन के बाद छात्र-छात्राएं वापस अपने आवासीय विद्यालय लौटे। फिलहाल स्थिति सामान्य बताई जा रही है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने आवासीय विद्यालय की व्यवस्थाओं और प्रशासनिक निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

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