दोनों ने मिलकर की थी हत्या
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हरिद्वार में नाबालिक प्रेमिका के गिरफ्तार होने के बाद कल रात मुकुल सिंह जो की रेलवे मिलेनियम कॉलोनी में रहता था और इसके द्वारा 15 मार्च 2024 को इस कॉलोनी में रहने वाले राजकुमार विश्वकर्मा और उनके बेटे तनिष्क (7 वर्ष ) की जघन्य हत्या कर दी गई थी। हत्या करने के बाद दोनों फरार हो गए थे। आज पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि जब दोनों से पूछताछ की गई तो दोनों ने पूरा सच सामने ला दिया। मुकुल सिंह एवं उसके साथ नाबालिक लड़की ने बताया कि उन्होंने हत्या इसलिए की थी क्योंकि इसके पहले मुकुल को उसने अपने पिता के कहने पर बलात्कार के मामले में फसाया था। लेकिन बाद में वह अपने बयान से पलट गई थी और मुकुल को जमानत मिल गई थी और केस कोर्ट में चल रहा था।
पिता ने अपनी लड़की को मुकुल से दूर रखने के लिए इटारसी भेज दिया था लेकिन, लड़की द्वारा एक ऐप के जरिए पुनः मुकुल से बात की जाने लगी। इसके बाद दोनों फिर मिलने लगे और घूमने लगे थे इस बात को लेकर पिता ने नाराजगी भी व्यक्त की थी। तभी से मुकुल कह रहा था कि एक बार और कहीं ऐसा ना हो कि तुम्हारे पिता पुनः तुम्हारे बयान करवाए और मैं फॅस जाऊं क्योकि तुम नाबालिग हो।
जिसके लिए इन लोगों ने नवंबर 2023 से पिता को रास्ते से हटाने की प्लानिंग शुरू कर दी थी और इसको उन्होंने ऐसा दर्शाने की कोशिश की थी कि कोई घर में जाकर उसके पिता राजकुमार विश्वकर्मा की हत्या कर गए। इसके लिए ही उन्होंने गैस कटर और अन्य सामान लिए थे, लेकिन जब इन्होंने पिता की हत्या की तो उसके बाद उनका खून और बाकी सब चीज देखकर वह डर गये। इसके बाद उन्होंने पिता को पॉलिथीन में लपेट कर एवं अपने भाई तनिष्क को प्रेमी के साथ में मिलकर उसकी लाश को फ्रिज में रख दिया था। इसके बाद पहले मुकुल कॉलोनी से निकाला और उसके कुछ देर बाद लड़की उसके पहले दोनों ने लड़की के पिता मृतक राजकुमार के बैंक अकाउंट से पैसे मुकुल ने अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए थे।
यह दोनों पहले कटनी फिर शहडोल और वहां से बेंगलुरु पहुंचे जहां पर मुकुल ने अपने एक दोस्त से मदद मांगी तो उसने इनको मदद देने से इनकार कर दिया।इससे पहले दोनों ने कटनी में भी एक दोस्त से मदद मांगी थी उसने भी इनको किसी भी प्रकार से मदद देने से इनकार कर दिया था।
विभिन्न राज्यों में घूमने के उपरांत पैसा खत्म हो गए
यह दोनों लगातार नागपुर मुंबई पुणे बिहार में पटना एवं अनेक राज्यों में घूमते हुए उत्तराखंड हरिद्वार पहुंचे थे । जहां उनके पैसे खत्म होने के बाद यह भंडारे में खाना खाते और वही साराय में ठहरते थे। हरिद्वार में एक महिला आरक्षक को हरिद्वार में इनके ऊपर शक हुआ और उसने जबलपुर द्वारा जारी पोस्ट से मिलान किया। जिस पर उसने तुरंत हरिद्वार पुलिस को खबर करी और हरिद्वार पुलिस जहां प्रेमिका को गिरफ्तार करने में सफल रही वहीं मुकुल फरार हो गया। लेकिन मुकुल को लग रहा था कि ऐसा ना हो कि गिरफ्तार हुई लड़की उसके ऊपर ही पूरा मामला डाल दे और वह फॅस जाए इसलिए उसने भी जबलपुर आकर पुलिस को सरेंडर कर दिया।