Jabalpur News:एयरोब्रिज इंस्टॉल पर विमान नही, शहर के साथ मजाक?

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पिछले सप्ताह डुमना एयरपोर्ट पर एयरोब्रिज इंस्टॉल कर दिया गया, जिससे अब यात्री सीधे विमान तक पहुंच सकेंगे। लेकिन सवाल उठता है कि विमान कहां हैं? महाकौशल का केंद्र जबलपुर है, जहां पर्याप्त यात्री संख्या होने के बावजूद शहर के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है? अगर इस शहर को गांव जैसा ही रखना था तो इतना बड़ा विस्तारीकरण किसलिए किया गया? इन सवालों का जवाब देने वाला कोई नहीं है। जबलपुर को लॉलीपॉप मिल जाने पर बड़े-बड़े मंचों से विकास की बातें करने वाले अब मौन क्यों हैं?

एक समय था जब जबलपुर से 12 उड़ानें संचालित होती थीं। अब मात्र पांच उड़ानें ही चल रही हैं, और उनकी भी कनेक्टिविटी कंफर्म नहीं है। एयर कनेक्टिविटी एक ज्वलंत समस्या बनकर सामने आई है। महानगरों के लिए नियमित उड़ान चालू करने को लेकर पिछले 15 दिनों से बड़े आंदोलन की रणनीति तैयार हो रही है। आने वाले दिनों में इसका कितना असर और कैसा होगा, यह अलग बात है। फिलहाल तो आपको इन एयरोब्रिज का ही लॉलीपॉप लेकर विमान आने और जाने का इंतजार करना पड़ेगा।

एक बार बंद तो बंद

डुमना विमानतल पर पहले कभी इस तरह की उदासीनता नहीं देखी गई थी। जबलपुर से मुंबई के साथ कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, पुणे की भी फ्लाइट संचालित होती थीं। मगर जिन रूटों की उड़ानें एक बार बंद हुईं, वे फिर दोबारा शुरू नहीं हो सकीं। हैदराबाद की फ्लाइट बंद करने से फ्लायर्स में आक्रोश व्याप्त है। इतना ही नहीं, इंडिगो की मुंबई रूट की हफ्ते में तीन दिन संचालित होने वाली फ्लाइट भी तीन महीने से बंद है और अब तक चालू नहीं हो सकी है।

महाकौशल की आवाज क्यों मौन?

आज महाकौशल की आवाज उठाने वाले बाकी लोग क्यों मौन धारण किए हुए हैं? यह प्रश्न गंभीर है। जबलपुर से विमान सेवाएं बहाल करने और एयरपोर्ट के विस्तार का लाभ दिलाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। अगर यही स्थिति बनी रही तो जबलपुर का विकास प्रभावित होगा और यहां के लोग एयर कनेक्टिविटी की समस्याओं से जूझते रहेंगे।

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