Jabalpur News: आप भी मुम्बई जाने का प्‍लान बना रहे हैं तो पहले पढ़ें यह खबर

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। हालात इतने बुरे हैं कि जून माह में ही इस ट्रेन की वेटिंग ने पांच सौ का आंकड़ा छू लिया है, वहीं अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह में गरीब रथ की वेटिंग 800 से 900 तक जा पहुंची है। मुम्बई जाने और आने के लिए जबलपुर के लिए यह एक मात्र ट्रेन है, जो सप्ताह में तीन दिन चलती है।

ट्रेन में चार माह का रिजर्वेशन खुलते ही टिकट फुल इस ट्रेन को नियमित करने और दूसरी नियमित ट्रेन चलाने की मांग जबलपुर के सामाजिक, आर्थिक, व्यावसायिक, धार्मिक संगठन ही नहीं बल्कि मंडल और जोन की यात्री सेवा समिति तक पिछले आठ साल से कर रहीं हैं, लेकिन हर बार मंडल के प्रबंधक और जोन के महाप्रबंधक, दोनों से आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं मिला है। हालात इतने बुरे हो गए हैं कि इस ट्रेन में चार माह का रिजर्वेशन खुलते ही टिकट फुल हो जाती है।

जबलपुर से मुम्बई के बीच एक भी नियमित ट्रेन नहीं हैं। गरीब रथ की एक मात्र ट्रेन हैं, जिसमें सभी कोच थर्ड एसी के हैं। रेलवे ने आम आदमी को एसी कोच में सफर करवाने के लिए यह ट्रेन चलवाई थी। लगभग 20 साल के बाद अब इस ट्रेन के कोच बनना ही बंद हो गए। जबलपुर रेल मंडल पुराने कोच से ही ट्रेन चला रहा है, पर अब यह कोच में लगातार खराब होते जा रहे हैं। रेलवे, मरम्मत कर-करके किसी तरह इन्हें चलने योग्य बना रहा है। सप्ताह में तीन दिन चलने वाली इस ट्रेन में कई बार तो वेटिंग टिकट ही नहीं मिलती।

न रैक बदले न ट्रेन चलाई जबलपुर रेल मंडल ने गरीब रथ के पुराने कोच को हटाकर नए कोच लगाने की तैयारी की। कई बार इसके लिए जोन से लेकर बोर्ड तक प्रस्ताव बनाया। यहां तक की रैक आने की तैयारी की खबर भी सामने आई, लेकिन रैक नहीं आए। कागज में प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेजा गया, लेकिन रैक ही उपलब्ध न होने की बात कहकर प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया है। इधर जबलपुर से मुम्बई के लिए सप्ताह में एक दिन स्पेशल वीकली ट्रेन चलाई गई। यह ट्रेन जबलपुर से सूरज होकर मुम्बई जाती थी, लेकिन इसमें जनरल टिकट की सुविधा ही नहीं थी। हालांकि कुछ समय बाद इस ट्रेन को भी बंद कर दिया गया। अब सिर्फ जबलपुर से गरीब रथ ही ट्रेन हैं।

मांग ज्यादा, तो कमाई ज्यादा इस ट्रेन में कंफर्म टिकट लेने के लिए यात्री हर संभव प्रयास करता है। इस वजह से कई टिकट दलाल और रेलवे से जुड़े कुछ कर्मचारी, इसकी कंफर्म टिकट दो गुना दाम तक बेंचते हैं। कभी-कभी तो तय सीट के ज्यादा यात्रियों को विकलांग कोच या अन्य जगह बैठाकर ले जाया जा रहा है। यहां तक की बेडरोल बेचने में भी यात्रियों से वसूली की जा रही है। कई बाद तो इसमें चलने वाले स्टाफ और अटेंडर के पास अतिरिक्त पैसा और सामान मिला है। हालांकि पश्चिम मध्य रेलवे की विजलेंस से जुड़े अधिकारी, कार्रवाई करने से बचते हैं। यही वजह है कि पिछले एक साल के दौरान ट्रेन में विजलेंस ने छापा ही नहीं मारा।

टिकट- जबलपुर से मुम्बई तक का किराया 920 रुपये

सीट- ट्रेन में 19 कोच, हर कोच में 82 सीट

गरीब रथ 12187 - जबलपुर से मुम्बई 17 जून 125 24 जून 526 26 जून 659 चार माह की वेटिंग 8 जुलाई - 851 वेटिंग

24 जुलाई- 907 वेटिंग

7 अगस्त- 906 वेटिंग

14 अगस्त-896 वेटिंग

7 सितंबर- 906 वेटिंग

14 सितंबर- 904 वेटिंग

5 अक्टूबर- 905 वेटिंग

12 अक्टूबर- 896 वेटिंग

गरीब रथ 12188 मुम्बई-जबलपुर 23 जून- 479

25 जून- 595

27 जून- 606

चार माह की वेटिंग 4 जुलाई- 703 वेटिंग

28 जुलाई- 788 वेटिंग

1 अगस्त - 781 वेटिंग

11 अगस्त- 787 वेटिंग

8 सितंबर- 788 वेटिंग

29 सितंबर-784 वेटिंग

1 अक्टूबर-785 वेटिंग

10 अक्टूबर 788 वेटिंग

         गरीब रथ में 16 कोच ही लगाने की स्वीकृति है, लेकिन लंबी वेटिंग होने की वजह से हम इसमें 19 कोच लगा रहे हैं। यह सच बात है कि इस ट्रेन में सबसे ज्यादा वेटिंग रहती है, लेकिन कोच की उपलब्धता को देखते हुए कोच लगाए भी जाते हैं। विवेक शील, डीआरएम, जबलपुर रेल मंडल

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