3 जनवरी 2020 को, जानकी किचन में खाना बना रही थी जब रोहिणी प्रसाद मेहरा गुस्से में वहां पहुंचा और गाली-गलौज करते हुए मारपीट करने लगा। जानकी ने विरोध किया तो रोहिणी ने बंदूक तानते हुए गोली चला दी, जो जानकी के कंधे में लगी। जानकी किचन से भागने की कोशिश कर रही थी कि रोहिणी ने दूसरी गोली उसके पेट में मार दी।
इस घटना का प्रत्यक्षदर्शी उनका बेटा पंकज था, जिसने पुलिस को बताया कि उसके पिता रोहिणी को मां जानकी के चरित्र पर संदेह था और इसी कारण वे अक्सर झगड़ते रहते थे। पंकज ने घटना के तुरंत बाद पाटन थाना पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
न्यायाधीश कैलाश शुक्ल अपर सत्र न्यायाधीश पाटन की कोर्ट ने रोहिणी प्रसाद मेहरा को धारा 302 भादवि के तहत आजीवन कारावास एवं 5000 रुपए अर्थदंड, तथा धारा 27 आर्म्स एक्ट के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से संदीप जैन विशेष लोक अभियोजक ने मामले में सशक्त पैरवी की, जिसके परिणामस्वरूप आरोपी को दोषी ठहराया गया।