दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मंत्रालय के पुराने भवन में 9 मार्च को लगी आग की विस्तृत जांच रिपोर्ट आ गई है, लेकिन अधिकारी आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं कर रहे हैं। माना जा रहा है कि कोई भी अधिकारी आग लगने की वजह को अपने सिर नहीं लेना चाह रहे हैं। प्राथमिक तौर पर कई लोग मानते हैं कि यह आग लापरवाही की वजह से लगी थी, लेकिन अब वास्तविक कारणों को दबाने की कोशिश की जा रही है। यह विस्तृत रिपोर्ट गुरुवार को आई है।
आग लगने की जांच से जुड़ी रिपोर्ट पर विस्तृत मंथन हो चुका है, जो कि उच्च स्तरीय कमेटी में शामिल अधिकारियों ने किया है। अब इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री के सामने पेश किया जाएगा।
मंत्रालय के पुराने भवन में 9 मार्च को लगी आग ने तीसरे, चौथे, और पांचवे माले को अपनी चपेट में ले लिया था। जिसमें हजारों फाइलें, फर्नीचर, और उपकरण खराब हो गए। इसके बाद मंत्रालय की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे थे कि आखिरकार इतनी पुख्ता सुरक्षा के बीच आग कैसे लग गई। यह पहली घटना नहीं थी, इसके पहले 22 मार्च 2016 को भी मंत्रालय में आग लगी थी। तब मुख्यमंत्री के कार्यालय क्रमांक 523 और उसके आसपास के कैबिन जल गए थे। फाइलें, फर्नीचर, और उपकरण आग की भेंट चढ़ गए थे। तब मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से जुड़ी हजारों फाइलें भी आग की भेंट चढ़ी थीं।