दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जिले में कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करने के उद्देश्य से आज गुरुवार को जिला पंचायत की सीईओ जयति सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों और सेक्टर सुपरवाइजरों की बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने अगले दस दिनों के भीतर सभी आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों का वजन लेने और कुपोषित बच्चों की पहचान करने के निर्देश दिए।
जिला पंचायत के सभाकक्ष में संपन्न इस बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी एम एल मेहरा, सहायक संचालक मनीष सेठ सहित सभी परियोजना अधिकारी और सेक्टर सुपरवाइजर उपस्थित थे। बैठक में सेक्टर और परियोजनावार कुपोषित बच्चों की संख्या और उनके पोषण स्तर में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्रस्तुत की गई।
सीईओ सिंह ने स्पष्ट किया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले को बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए अधिक संवेदनशील और सक्रिय होना होगा। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों का वजन और लंबाई मापते समय शुद्धता पर विशेष ध्यान देने की हिदायत दी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिन आंगनबाड़ी केंद्रों में कोई भी बच्चा कुपोषण की श्रेणी में नहीं पाया जाता है, वहां पर्यवेक्षक स्वयं जाकर बच्चों का वजन लें।
सिंह ने कहा कि दस दिन बाद परियोजना अधिकारियों और सेक्टर सुपरवाइजरों की एक और बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें गंभीर कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए किए गए कार्यों और मध्यम या कम कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए बनाई गई सेक्टर स्तरीय कार्ययोजना की समीक्षा की जाएगी।
सीईओ सिंह ने कुपोषित बच्चों की पहचान के कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही न करने की हिदायत दी और लापरवाही या अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी। उन्होंने परियोजना अधिकारियों को आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर बच्चों की लंबाई और वजन का रैंडम सत्यापन करने और महिलाओं को मौसमी बीमारियों से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक करने के निर्देश भी दिए।