दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। फिल्म अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की आगामी फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। जबलपुर में सिख समुदाय ने शुक्रवार को सड़कों पर उतरकर फिल्म का विरोध किया और तत्काल इस पर रोक लगाने की मांग की। सिख समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
शनिवार को जबलपुर सिख संगत और श्री गुरु सिंह सभा इंदौर की ओर से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें मांग की गई है कि फिल्म 'इमरजेंसी' पर बैन लगाया जाए। सिख समुदाय का आरोप है कि फिल्म में सिखों का चित्रण गलत और आपत्तिजनक तरीके से किया गया है।
सीनियर अधिवक्ता एनएस रूपराह के अनुसार, इंदौर के सरदार मंजीत सिंह भाटिया और जबलपुर के सरदार मनोहर सिंह रील द्वारा दायर याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया है कि फिल्म में अमृतधारी सिखों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो हिंसा और खालिस्तान की मांग करते हुए दिखाए गए हैं। अधिवक्ता रूपराह ने कहा कि इससे सिख समुदाय में गहरा आक्रोश है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट नरेंद्र पाल सिंह रूपराह ने बताया कि पहले फिल्म को लेकर कानूनी नोटिस दिया गया था, लेकिन कंगना रनौत और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। इस कारण फिल्म के निर्देशक, निर्माता और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पार्टी बनाकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई 2 सितंबर को होगी।
याचिका में मांग की गई है कि फिल्म का सर्टिफिकेट तुरंत रद्द किया जाए और इसे सार्वजनिक रूप से जारी करने से रोका जाए। इसके अलावा, याचिका में कहा गया है कि फिल्म को रिलीज से पहले इंदौर और जबलपुर के सिख पदाधिकारियों को दिखाया जाए। सोमवार को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' 6 सितंबर को रिलीज होने वाली है, और सिख समुदाय के विरोध के बाद इसे लेकर विवाद और भी बढ़ गया है।