दैनिक सांध्य बन्धु चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा 32 प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बाद पार्टी में गहरे मतभेद उभरकर सामने आए हैं। डॉ. कपूर सिंह नरवाल और राजेश जून के बाद अब जीता हुड्डा ने भी बगावत का रुख अपनाया है। जीता हुड्डा, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं, बरोदा विधानसभा सीट से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने यहां से इंदुराज सिंह नरवाल को प्रत्याशी बनाया है।
टिकट ना मिलने से नाराज जीता हुड्डा ने कांग्रेस पर राजनीतिक हत्या का आरोप लगाते हुए कहा, "टिकट को लेकर मेरी भूपेंद्र हुड्डा से कोई बात नहीं हुई थी। मैं उन्हें अपने पिता की तरह मानता हूं। दीपेंद्र हुड्डा को अपना भाई मानता था, लेकिन उन्होंने इस चुनाव में 'भाई का गला काटने' का काम किया है।"
भाजपा ने किया तंज, कहा "बाबू-बेटे ने धोखा किया"
भाजपा ने इस विवाद पर चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "बाबू-बेटे ने धोखा किया और जीता हुड्डा की बजाय सिर्फ भालू पर ही भरोसा किया।"
कौन हैं जीता हुड्डा?
जीता हुड्डा, श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे हैं। श्रीकृष्ण हुड्डा हरियाणा की किलोई और बरोदा विधानसभा से छह बार विधायक रह चुके हैं। 1987, 1996, और 2005 में वह किलोई से विधायक रहे। उन्होंने 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए किलोई सीट खाली की थी। इसके बाद उन्होंने बरोदा विधानसभा सीट से 2009, 2014, और 2019 में विधायक बनने की हैट्रिक बनाई। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी मित्र होने के कारण, जीता हुड्डा बरोदा से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट ना देकर सभी को चौंका दिया।
हरियाणा बीजेपी ने उठाए सवाल
हरियाणा में टिकट वितरण के इस बवाल पर भाजपा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कहा, "जीता हुड्डा का जमीर जाग गया है। इनके पिता स्व.कृष्ण हुड्डा ने 2005 में भूपेंद्र हुड्डा के लिए किलोई की सीट खाली की थी, बड़ा त्याग किया था। लेकिन बाबू-बेटे ने धोखा किया और जीता हुड्डा की बजाय सिर्फ भालू पर ही भरोसा किया।"
कांग्रेस की लिस्ट पर भाजपा ने साधा निशाना
हरियाणा कांग्रेस की लिस्ट पर तंज कसते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा, "अभी सिर्फ 32 उम्मीदवार उतारे हैं, कुछ जेल में हैं, कुछ पर मामले चल रहे हैं। आने वाली लिस्ट में देखिए कौन-कौन होते हैं। कांग्रेस ने आपराधिक छवि के लोगों को मैदान में उतारा है, जिससे पता चलता है कि उनके पास उम्मीदवारों की कमी है।"