बिहार में जिउतिया पर्व के दौरान डूबने से 43 लोगों की मौत, 37 बच्चे शामिल: 16 जिलों में हादसे, औरंगाबाद में सबसे ज्यादा मौतें

दैनिक सांध्य बन्धु पटना। बिहार में जिउतिया पर्व के दौरान 24 और 25 सितंबर को नदी और तालाबों में नहाने के दौरान हुए हादसों में 43 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 37 बच्चे और 6 महिलाएं शामिल हैं। सबसे ज्यादा मौतें औरंगाबाद जिले में हुईं, जहां 10 लोगों की जान गई, जिनमें 8 बच्चे थे। हादसे राज्य के 16 जिलों में हुए हैं और कई लोग अब भी लापता हैं, जिनकी खोज जारी है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की है।

जिउतिया पर्व: संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है व्रत

जिउतिया या जीवित्पुत्रिका व्रत बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए 24 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं।

औरंगाबाद में सबसे ज्यादा हादसे, 8 बच्चियों की मौत

औरंगाबाद जिले के बारुण थाना क्षेत्र के ईटहट में 5 किशोरियां व्रती महिलाओं के साथ तालाब में नहाने गईं थीं, जहां डूबने से 4 की मौत हो गई। इसी तरह, मदनपुर के कुशहा गांव में 18 बच्चे आहर में नहाने के दौरान डूबने लगे, जिनमें से 4 की मौत हो गई। 

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