दैनिक सांध्य बन्धु हिसार। हरियाणा के किसानों और मजदूरों ने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का संकल्प लिया है। यह निर्णय हिसार में आयोजित संयुक्त किसान-मजदूर महापंचायत में लिया गया, जिसमें प्रदेश भर से हजारों किसान-मजदूरों ने हिस्सा लिया। 17 सितंबर से प्रदेश के तमाम गांवों में मजदूर किसान पंचायतें आयोजित की जाएंगी, जिनमें भाजपा को हराने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
महापंचायत में यह भी तय किया गया कि 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह की जयंती पर कॉर्पोरेट और साम्राज्यवाद विरोधी दिवस मनाया जाएगा। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों और मशाल जुलूसों के माध्यम से विरोध प्रदर्शित किया जाएगा।
महापंचायत में नेताओं ने भाजपा सरकार की नीतियों का कड़ा विरोध किया। वक्ताओं ने कोविड के समय लाए गए तीन कृषि कानूनों और चार लेबर कोड्स को मजदूरों और किसानों के खिलाफ बताया। सरकार पर आरोप लगाया गया कि उसने सार्वजनिक क्षेत्र को निजी कंपनियों को सौंपकर तबाह कर दिया है और जन आंदोलनों को दमनकारी नीतियों से कुचला है।
महापंचायत में किसानों और मजदूरों की मांगें भी प्रमुखता से उठाई गईं, जिनमें एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्ज मुक्ति, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए करने, मनरेगा में 200 दिन काम और पुरानी पेंशन योजना की बहाली जैसी मांगें शामिल हैं।
इस महापंचायत में कई बड़े किसान और मजदूर संगठनों ने हिस्सा लिया, जो आगामी चुनावों में भाजपा के खिलाफ आंदोलन करने के लिए संगठित हो रहे हैं।