दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश किया। अब LG सक्सेना ने केजरीवाल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजते हुए, 21 सितंबर को आतिशी के शपथ ग्रहण की तारीख का प्रस्ताव रखा है।
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल अब जल्द ही सरकारी आवास भी छोड़ेंगे। AAP सांसद संजय सिंह ने बताया कि पार्टी ने उन्हें सुरक्षा कारणों से आवास न छोड़ने की सलाह दी थी, लेकिन केजरीवाल ने इसे ठुकरा दिया।
मुख्यमंत्री चुनी गईं आतिशी ने कहा कि उनके पास अब दो प्रमुख कार्य हैं। पहला, दिल्ली के लोगों को भाजपा के षड्यंत्रों से बचाना, और दूसरा, अगली बार अरविंद केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाना। उन्होंने इस जिम्मेदारी को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है और अगले चुनावों तक अपने एजेंडे पर काम करने की बात कही है।
केजरीवाल के इस्तीफे के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस कदम की आलोचना की है। रेल मंत्री पीयूष गोयल और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री बदलने से AAP की किस्मत नहीं बदलेगी। सचदेवा ने पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए और कहा कि AAP अपने चरित्र पर लगे काले दागों को नहीं धो सकती।
मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद केजरीवाल AAP के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में कार्य करते रहेंगे और हरियाणा विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित करेंगे।