कांग्रेस में शामिल होने के बाद कंबोज ने भाजपा पर तीखा हमला बोला और कहा, "मैंने खून-पसीने से पार्टी को सींचा, लेकिन अब गद्दारों को टिकट दिया जा रहा है, जिन पर कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं।" उन्होंने कहा कि भाजपा अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पार्टी नहीं रही। पार्टी में अब वफादार कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है।
कर्ण देव कंबोज 2014 में इंद्री सीट से विधायक चुने गए थे और 2019 में उन्हें रादौर से भाजपा ने चुनाव लड़ाया था, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2024 के चुनाव में वह फिर से इंद्री और रादौर दोनों सीटों से तैयारी कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बजाय, इंद्री से रामकुमार कश्यप और रादौर से श्याम सिंह राणा को टिकट दिया गया।
कंबोज की नाराजगी को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद उनके घर पहुंचे थे, लेकिन कंबोज ने उनसे हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें कंबोज ने सीएम से हाथ मिलाने के बजाय केवल हाथ जोड़े।
कंबोज ने 8 दिन पहले भाजपा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का मन बना लिया था।