दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शहर में मोबाइल कंपनियों द्वारा लगाए गए सैकड़ों टावरों पर नगर निगम ने निर्धारित वार्षिक शुल्क वसूली के लिए मोबाइल कंपनियों से भुगतान की मांग की थी, जो 2010 से लंबित था। मोबाइल कंपनियों ने इस वसूली को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कंपनियों ने तर्क दिया कि टावर से उन्हें कोई मुनाफा नहीं होता, इसलिए शुल्क वसूली को रोका जाए।
मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया की बेंच ने नगर निगम की वसूली को पूरी तरह से उचित ठहराया। कोर्ट ने मोबाइल कंपनियों को निर्देश दिया कि वे 15 दिन के भीतर लंबित शुल्क का भुगतान करें, अन्यथा 6% ब्याज के साथ राशि चुकानी होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रति टावर 3,000 रुपए का वार्षिक शुल्क बेहद कम है, इसके बावजूद कंपनियों ने इसका भुगतान नहीं किया, जो अनुचित है।
नगर निगम ने बताया कि आइडिया सेल्युलर, वोडाफोन, भारती इंफ्राटेल, क्विप्पो टेलीकॉम और अन्य कंपनियों ने जबलपुर शहर में मोबाइल टावर लगाए हैं, और इनके लिए शुल्क वसूली की प्रक्रिया राज्य शासन द्वारा निर्धारित है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि नगर निगम की वसूली वैध और उचित है, और कंपनियों को 2010 से लंबित शुल्क का एकमुश्त भुगतान करना होगा।