दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शान ऐलिजा रिसोर्ट में आयोजित 12वें राष्ट्रीय हास्ययोग सम्मेलन के दूसरे दिन प्रातः 6:00 बजे से ही 500 से अधिक प्रतिनिधि मैदान में एकत्रित हुए। ठहाकों की गूंज के बीच प्रतिनिधियों ने हास्यासन का अभ्यास कर शरीर और मन को स्वस्थ एवं आनंदित किया। हास्य गुरु जितेन कोही ने बताया कि हंसी के तीन प्रकार होते हैं: राजसिक, तामसिक और सात्विक। सात्विक हंसी, जिसमें व्यक्ति भीतर से हंसता है, आत्मा और शरीर दोनों को स्वस्थ और ऊर्जावान करती है।
प्रतिभागियों ने ताली हास्य, पंछी हास्य, शिकायत हास्य, तारीफ हास्य, केसरी हास्य आसान, हास्य कपोल भांति, मोहन हास्य, बाल मचलन हास्य क्रिया जैसी विविध हास्य क्रियाओं में भाग लिया। जोरदार ठहाकों के साथ सभी ने स्वस्थ जीवन का आनंद लिया। सम्मेलन में हास्ययोग की विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जहां योग और हास्ययोग के विभिन्न आसनों का मुकाबला हुआ।
मीडिया सचिव अंजना गुप्ता ने बताया कि दिनभर देशभर से आए विद्वानों ने स्वास्थ्य संबंधी चर्चाओं में भाग लिया। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जीवन की प्रमुख समस्याओं—नौकरी, व्यापार और पारिवारिक असुरक्षा—के कारण लोगों में मानसिक तनाव बढ़ रहा है, जिसका सबसे सरल समाधान हंसी है।
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