200 करोड़ का निवेश और रोजगार के अवसर
इस क्लस्टर में 200 करोड़ रुपए का निवेश और 3,000 से 4,000 लोगों को रोजगार देने की संभावना थी। फर्नीचर कारोबारियों ने इस क्लस्टर को लेकर बड़े सपने देखे थे, लेकिन जमीन आवंटन के बाद कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हो पाई, जिससे कई निर्माताओं ने अन्य स्थानों पर अपना रुख कर लिया।
टेक्सटाइल्स पार्क और क्लस्टर के लिए नई चुनौतियां
भटौली में जिस जमीन पर फर्नीचर क्लस्टर बनने वाला था, वहां अब जबलपुर टेक्सटाइल्स पार्क और लॉजिस्टिक क्लस्टर की योजना पर भी विचार किया जा रहा है। केंद्र सरकार की इस योजना के तहत 332 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है, लेकिन अभी तक मंजूरी का इंतजार है। इसके अलावा, एनएचएआई द्वारा कुछ भूमि का उपयोग अन्य प्रोजेक्ट के लिए किए जाने से जगह भी कम हो गई है।
फर्नीचर उद्योग की मौजूदा स्थिति
जबलपुर में 450 से ज्यादा फर्नीचर इकाइयां हैं, जो 15,000 से अधिक लोगों को रोजगार दे रही हैं। यहां का सालाना कारोबार 300 करोड़ रुपए से अधिक है। निवेशक अब कटंगी, खजरी खिरिया और तिलवारा रोड पर अपने कारखाने लगा रहे हैं, जहां आधुनिक मशीनों के साथ नए डिज़ाइन के फर्नीचर बनाए जा रहे हैं।
इनका कहना है
भटौली में फर्नीचर क्लस्टर के लिए भूमि के मद परिवर्तन का प्रस्ताव टीएंडसीपी के पास गया हुआ है, और स्वीकृति मिलने पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। दीपक सक्सेना ,कलेक्टर जबलपुर