Jabalpur News: राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय में नर्सिंग कॉलेज घोटाले जैसी अनियमितताएँ

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। अभिभावक मंच और नागरिक उपभोक्ता मंच ने पत्रकारवार्ता आयोजित कर राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) से संबंधित निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में हो रही अनियमितताओं का बड़ा खुलासा किया है। पत्रकारवार्ता में बताया गया कि इन कॉलेजों द्वारा मान्यता और संचालन के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया जा रहा है, ठीक वैसे ही जैसे हाल ही में नर्सिंग कॉलेज घोटाले में देखा गया।

मंच के प्रदेश अध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया कि एआईसीटीई द्वारा निर्धारित शिक्षक-छात्र अनुपात और फैकल्टी कैडर रेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों की वेबसाइट पर फर्जी फैकल्टी लिस्ट प्रदर्शित की जा रही है और प्रयोगशालाओं में छात्रों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं। इसके अतिरिक्त, छात्रों की चिकित्सीय जांच भी अनिवार्य नहीं की जा रही है और टीचर्स की नियुक्ति के लिए विस्तृत विज्ञापन नहीं दिया जा रहा है।

ज्ञात हो कि प्रदेश में 192 निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित हैं, जिनमें से अधिकांश के पास आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव है, फिर भी आरजीपीवी द्वारा उन्हें हर साल मान्यता प्रदान की जाती है। पत्रकारवार्ता में ज्ञानगंगा इंस्टीट्यूट के दो कॉलेजों - जीजीआईटीएस और जीजीसीटी - द्वारा फर्जी फैकल्टी लिस्ट जारी करने का आरोप लगाया गया है। 

संघ के सदस्यों ने बताया कि इन अनियमितताओं की कई बार शिकायत की जा चुकी है और मीडिया में भी खबरें प्रकाशित की जा चुकी हैं, लेकिन आरजीपीवी द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया। अब इस मुद्दे को लेकर जनहित याचिका उच्च न्यायालय में दायर की जा चुकी है और शीघ्र सुनवाई की उम्मीद है।

संघ के सदस्य विनोद पांडे, नरेश पेशवानी, मयंक राज, अंकित गोस्वामी, और जाहिद खान ने बताया कि लगातार शिकायतों के बावजूद शासन और आरजीपीवी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना और बढ़ गई है।

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