वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूर: नवंबर-दिसंबर में पेश होगा बिल

दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली।
 केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 'वन नेशन वन इलेक्शन' प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। यह प्रस्तावित योजना नवंबर या दिसंबर के शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा।

प्रस्ताव के प्रमुख बिंदु:

- पहला चरण: लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।
- दूसरा चरण: अगले 100 दिन में स्थानीय निकाय चुनाव भी एक साथ कराए जाएंगे।
- सिंगल वोटर लिस्ट: चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए एक सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा।

कोविंद पैनल की रिपोर्ट:

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने 14 मार्च को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक बढ़ाया जाए और 2029 में सभी चुनाव एकसाथ कराए जाएं।

रिपोर्ट के मुख्य सुझाव:

1. विधानसभाओं का कार्यकाल: सभी विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।
2. हंग असेंबली: हंग असेंबली या नो कॉन्फिडेंस मोशन की स्थिति में नए चुनाव कराए जा सकते हैं।
3. चुनाव का समय: पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ, और दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव।
4. सिंगल वोटर लिस्ट: सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करने की सिफारिश।
5. संसाधन और सुरक्षा: चुनावों के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग।

वन नेशन वन इलेक्शन की पृष्ठभूमि:

1952, 1957, 1962, और 1967 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे। 1968-69 में कई विधानसभाओं की भंग होने और 1970 में लोकसभा की भंग होने के कारण यह परंपरा टूट गई। अब 'वन नेशन वन इलेक्शन' को पुनः लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।

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