Jabalpur News: गुलौआ ताल में एस.टी.पी. प्लांट बंद होने से मिल रहा है नालों का पानी

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। गढ़ा नगर निगम जोन कछपुरा क्रमांक 2 से लगा ऐतिहासिक गुलौआ ताल में अब फिर से नाले-नालीयों का गंदे पानी भरने लगा में है। तालाब में गंदगी रोकने के लिए लगाया गया सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एस.टी.पी.) पिछले एक साल से बंद पड़ा है, जिसके चलते तालाब के पानी से बदबू आने लगी है और यहां आने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आ गई है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि अब लोग यहां 5 मिनट भी रुकने से कतराने लगे हैं। 

लाखों रुपये खर्च कर हुआ था तालाब का विकास

पूर्व पार्षद संजय राठौर के प्रस्ताव में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री तरुण भनोट एवं पूर्व नगर निगम आयुक्त वेदप्रकाश शर्मा ने विशेष रुचि लेकर लाखों रुपये खर्च कर इस तालाब को विकसित किया था। उस समय म्यूजिकल फाउंटेन, अधुनिक प्रकश व्यवस्था  के अलाव नाले के गंदे पानी को रोकने के लिए यहां एक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया था और इसके चारों ओर वॉकिंग ट्रैक का निर्माण किया गया था। इसके अलावा तालाब के सामने एक सुंदर छोटा गार्डन भी बनाया गया था, जहां लोग सुबह-शाम घूमने और बैठने के लिए आते थे। लेकिन अब तालाब से आने वाली बदबू के चलते यहां लोगों का आना लगभग बंद हो गया है।

सत्ता परिवर्तन के बाद बदले बयान

क्षेत्रीय लोगो ने पूर्व में नेता प्रतिपक्ष रहे एक भाजपा नेता को तलब में मिल रहे गंदे पानी को लेकर ज्ञापन सौपा था तो उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया था कि अगर ट्रीटमेंट प्लांट जल्द ठीक नहीं हुआ तो वह आंदोलन करेंगे। लेकिन जैसे ही नगर निगम में सत्ता परिवर्तन हुआ, उनके बयान भी बदल गए। अब वे केवल ट्रीटमेंट प्लांट को जल्द ठीक करने की बात कह रहे हैं।

गोंड शासनकाल की धरोहर है गुलौआ ताल

गुलौआ ताल गोंड शासनकाल की एक ऐतिहासिक धरोहर है, जिसका निर्माण रानी दुर्गावती के शासनकाल में हुआ था। तालाब के विकसित होने के बाद इसमें लगाई गई मूर्ति को लेकर भी विवाद हुआ था, जिसमें गोंडवाना पार्टी और भाजपा के महापौर आमने-सामने थे।

बढ़ रहा क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश

तालाब की स्थिति देखकर क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोग अब साफ तौर पर कहने लगे हैं कि यदि जल्द ही तालाब की स्थिति नहीं सुधरी तो वे सड़कों पर उतरकर नगर निगम का घेराव कर विरोध करेंगे।

इनका कहना

शुरुआत में नगर निगम कर्मचारियों द्वारा तालाब की अच्छी देखरेख की गई, लेकिन धीरे-धीरे लापरवाही बढ़ती गई और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट खराब होकर बंद हो गया। शिकायतों के बावजूद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया। क्षेत्रीय लोगों ने शिकायत की थी कि जल्द ही एस.टी.पी. को चालू किया जाएगा, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। आज प्लांट की स्थिति यह है कि प्लांट के उपकरणों से एक गिलास भी साफ़ पानी नही निकल रहा है। संजय राठौर,  पूर्व पार्षद

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