Jabalpur News: WhatsApp में ऑटो डाउनलोड लगाना हो सकता है खतरनाक, निजी डेटा हो रहा लीक

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। प्रदेश में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन 30 से अधिक नागरिक हैकर्स का शिकार बन रहे हैं। बीते छह सालों में साइबर अपराधों में पांच गुना वृद्धि हुई है, जिसमें हैकर्स फिसिंग के जरिए बड़ी संख्या में लोगों का निजी डेटा चोरी कर लाखों की चपत लगा चुके हैं।

यहां हैकर्स ने चोरी किए डेटा

- निजी विश्वविद्यालय का डेटा हैक: 10 जून को सीहोर जिले की एक निजी विश्वविद्यालय में 8,000 से अधिक छात्रों का डेटा हैक कर लिया गया।

- अपेक्स बैंक का सर्वर हैक: 15 अगस्त को अपेक्स बैंक का मुख्य सर्वर हैक हुआ, जिससे किसानों और नागरिकों का डेटा संकट में आ गया।

- ई-पालिका सर्वर का मामला: 2 जनवरी को ई-पालिका के सर्वर हैक होने पर लगभग 50 लाख घरों का निजी डेटा चोरी हुआ।

- जबलपुर अश्लील वीडियो : 6 सितंबर को गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज की 70 से अधिक छात्राओं को 4 दिनों में  वॉट्सऐप पर अश्लील वीडियो और संदेश भेजे कर धमकाया गया, जिससे कई छात्राओं ने घबराकर आरोपी के अकाउंट में 3 हजार से 20 हजार रुपए तक ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।

ऑटो डाउनलोड का खतरा

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आपके वॉट्सएप में ऑटो डाउनलोड फीचर सक्रिय है, तो यह आपके मोबाइल में मालवेयर को प्रवेश करवा सकता है। यह मालवेयर आपकी निजी जानकारियों को साइबर ठगों तक पहुंचा सकता है। 

इनका कहना है

साइबर सेल विशेषज्ञों ने बताया कि यूजर्स को सावधानी बरतनी चाहिए। मालवेयर बिना ओटीपी या लिंक के भी बैंकिंग धोखाधड़ी कर सकता है। फिसिंग के कारण कई यूजर्स हैकर्स के जाल में फंस रहे हैं, जिससे उनकी व्यक्तिगत जानकारी खतरे में पड़ रही है।

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