Jabalpur News: फर्जी डॉक्टरों पर नकेल नहीं लगा पा रहा स्वास्थ्य विभाग, जिले में 12 सौ से अधिक फर्जी डॉक्टर चिन्हित करने के बावजूद कार्यवाही नहीं हो रही

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जिले में भारी संख्या में फर्जी डॉक्टर इस बात से नावाकिफ भोले भाले लोगो का गलत सलत इलाज करके उन्हें मौत के मुंह में धकेल रहे हैं। दूसरी ओर जिले के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी चुप्पी साधकर यह सब होता हुआ देख रहे हैं। 

विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यवाही के लिए तैनात जिम्मेदारों द्वारा लेन देन कर अभयदान दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बीते दिनों राज्य शासन के आदेश पर विभाग द्वारा जिले में 12 सौ से अधिक शैलछापों की सूची बनाई गई है। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई। विदित हो कि झोलाछापों के इलाज से आए दिन लोगों की मौत हो रही हैं। किंतु कार्यवाही नगण्य है। इस प्रकार एक तरह से झोलाछापों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।

जिले के 926 गांव में हजारों फर्जी डॉक्टर

एक जानकारी के अनुसार जबलपुर जिले के 926 गांव में हजारों फर्जी डॉक्टर लोगों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे डाक्टरों के उपचार से लोग जानलेवा घातक बीमारियों के शिकंजे में फंस रहे हैं। क्योंकि फर्जी डाक्टरों को बहुत सी दवाओं के साइड इफेक्ट्स की जानकारी नहीं होती।

जांच कार्यवाही का जिम्मा एक डॉक्टर को सौंपा

जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में झोलाछापों पर कार्यवाही के लिए तीन डॉक्टरों की टीम बनाई गई थी। लेकिन बीते महीनों में जांच और कार्यवाही का जिम्मा एक डॉक्टर को सौंप दिया गया है। इनकी कार्य प्रणाली पर एक बार सवाल उठ चुके हैं। सेटिंग करके फर्जी डाक्टरों को दिया जा रहा अभयदान सीएमएचओ कार्यालय में मात्र 678 डॉक्टरों का पंजीयन।

मरीज की मौत के बाद फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार

जबलपुर में एक फर्जी डॉक्टर के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। 10 साल से एलोपैथी पद्धति से इलाज कर रहे डॉक्टर फूलचंद विश्वकर्मा के पास एलोपैथी की कोई डिग्री नहीं है। इस दौरान वह लगभग 3 हजार लोगों का इलाज कर चुका है। मामला तब सामने आया जब एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 19 मई को जबलपुर के द्वारका नगर के रहने वाले मनोहर तीतलानी (71) की मौत इलाज के दौरान हो गई। परिजनों के अनुसार, उन्हें कमर में दर्द के लिए डॉक्टर फूलचंद के पास ले जागा गया था, जिन्होंने एक के बाद एक तीन इंजेक्शन दिए। 

थोड़ी देर बाद ही मनोहर की तबीयत बिगड़ गई और उनकी मृत्यु हो गई। मनोहर के परिजनों ने 21 मई को मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को लिखित शिकायत की। जांच में पता चला कि डॉक्टर फूलचंद के पास केवल होम्योपैथी को डिग्री है, लेकिन वह एलोपैथी का इलाज कर डी. फूलचंद विश्वकर्मा रहा था। 

22 मई को पुलिस में भी शिकायत दर्ज की गई। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम ने डॉक्टर के क्लीनिक पर छापा मारकर एलोपैथी दवाइयां और इंजेक्शन बरामद किए। डॉक्टर घटना के बाद से फरार था, लेकिन पुलिस ने रविवार रात उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। वह मुंबई भागने की कोशिश कर रहा था। डॉक्टर फूलचंद विश्वकर्मा के खिलाफ गैरकानूनी इलाज करने का मामला दर्ज कर लिया गया है। जिला प्रशासन ने क्लीनिक को सील कर दिया है और जांच जारी है।

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