दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पखवाड़ा के उपलक्ष्य में रविवार को साइंस कॉलेज, जबलपुर में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा 'अंत्योदय विचारधारा' पर व्याख्यान आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ शिक्षाविद एवं प्राचार्य, गोविंदराम सेकसरिया अर्थ वाणिज्य महाविद्यालय, डॉ. विनोद मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ. मिश्र ने अपने व्याख्यान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी विचारधारा पूंजीवाद, साम्यवाद समेत अन्य सभी वादों से ऊपर है। उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल जी का एकात्म दर्शन व्यक्ति के भौतिक और आध्यात्मिक दोनों पक्षों के सुख, शांति और समृद्धि को ध्यान में रखता है। पंडित जी के विचारों के अनुसार, राष्ट्र का वास्तविक उदय तभी संभव है जब समाज के अंतिम व्यक्ति का कल्याण हो।
डॉ. मिश्र ने अंत्योदय की अवधारणा पर विस्तार से बोलते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल जी धर्म को अत्यधिक महत्व देते थे, परंतु उनका धर्म पंथ नहीं था, बल्कि कर्तव्य के रूप में देखा गया। उन्होंने कहा कि समाज का अंतिम व्यक्ति जब उन्नति करेगा, तभी अंत्योदय की कल्पना साकार होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. जितेंद्र जामदार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन को राजनीतिक सुचिता और सादगी का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि पंडित जी का चिंतन संपूर्ण मानवता के भौतिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए था, और वे आर्थिक व सामाजिक समानता के प्रबल समर्थक थे।
कार्यक्रम के अंत में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के अंतर्गत कॉलेज परिसर में पौधारोपण किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ए. एल. महोबिया एवं जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक रवि बर्मन उपस्थित रहे। जिला समन्वयक प्रदीप कुमार तिवारी ने कार्यक्रम का संयोजन और संचालन अनिमेष अटल ने किया।