दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। सतना निवासी मोहम्मद बिलाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर निरस्त करने की मांग की थी। यह एफआईआर भगवान राम, हिंदू धर्म और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में दर्ज की गई थी।
बिलाल का कहना था कि 15 अगस्त 2023 को उनके मोबाइल को हैक कर इंस्टाग्राम पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली पोस्ट की गई थी। उन्होंने इसे लेकर कोर्ट से राहत मांगी थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि कोतवाली थाना पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर निरस्त की जाए।
शिकायतकर्ता सुजल वाल्मीकि ने इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई थी। उनके अनुसार, जब उन्होंने पोस्ट पर आपत्ति जताई और मोहम्मद बिलाल से इस पर चर्चा करने पहुंचे, तो बिलाल ने न सिर्फ अपशब्दों का प्रयोग किया बल्कि जातिगत रूप से भी अपमानित किया। इसके बाद कोतवाली थाने में धार्मिक भावनाओं को भड़काने, अशांति उत्पन्न करने और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद मोहम्मद बिलाल की याचिका खारिज करते हुए कहा कि एफआईआर को तथ्यों के आधार पर निरस्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का मोबाइल हैक होने का दावा पर्याप्त नहीं है और एफआईआर में उल्लिखित आरोप गंभीर हैं, जिनकी जांच की जानी चाहिए।
न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामलों में कानून का पालन आवश्यक है। ऐसे मामलों में एफआईआर को निरस्त करने की मांग तभी स्वीकार की जाएगी, जब पर्याप्त प्रमाण हों।