दैनिक सांध्य बन्धु रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने मंगलवार देर रात अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें 35 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस सूची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को प्रमुख उम्मीदवार के रूप में शामिल किया गया है। हेमंत सोरेन फिर से बरहेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि कल्पना सोरेन गांडेय विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगी।
हेमंत सोरेन ने बरहेट से 2014 और 2019 में जीत दर्ज की थी, और इस बार भी उसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन इस साल गांडेय उपचुनाव में विजेता रही थीं। दुमका विधानसभा सीट से हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को फिर से टिकट मिला है। बसंत सोरेन ने 2020 के उपचुनाव में जीत हासिल की थी।
JMM की पहली सूची की 6 प्रमुख बातें:
1. धनवार सीट पर बाबूलाल मरांडी के खिलाफ फिर निजामुद्दीन अंसारी को उतारा गया है।
2. रांची विधानसभा सीट से अभी पार्टी ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।
3. एक विधायक का नाम पहली सूची से हटा दिया गया है।
4. पहली सूची में 21 विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है।
5. बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा और सिसई के जीगा सुसारन होरो का टिकट होल्ड पर रखा गया है।
6. नलिन सोरेन और जोबा मांझी के सांसद बनने के बाद उनके बेटों को शिकारीपाड़ा और मनोहरपुर से टिकट दिया गया है।
2019 के विधानसभा चुनाव में JMM ने 30 सीटें जीती थीं। बाद में शिकारीपाड़ा से विधायक नलिन सोरेन सांसद बने। वहीं, तीन विधायकों ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।
झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को होना है। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया 25 अक्टूबर तक चलेगी। दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा, जिसके लिए नामांकन की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है। मतगणना 23 नवंबर को होगी।
झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं, जिनमें से 44 अनारक्षित, 28 अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए और 9 अनुसूचित जाति (एससी) के लिए सुरक्षित हैं। राज्य में कुल 2.6 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 1.29 करोड़ महिलाएं और 1.31 करोड़ पुरुष हैं। इस चुनाव में 11.84 लाख युवा पहली बार मतदान करेंगे।
झारखंड में अब तक हुए चार विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। गठबंधन की सरकारें बनती रही हैं, और तीन बार राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लागू हुआ है। इस बार भी पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना कम नजर आ रही है। 81 सदस्यीय विधानसभा में किसी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 41 सीटों की जरूरत होगी।