दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में बुधवार को एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के नेतृत्व में छात्रों द्वारा अनशन किया गया। इस दौरान आक्रोशित विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की और "तानाशाही से आज़ादी" के नारे लगाए।
दरअसल, कुछ दिन पहले विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी समस्याएं एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के सामने रखी थीं। इसके बाद एनएसयूआई के प्रदेश सह सचिव अमन पठान और विश्वविद्यालय प्रभारी तनय शर्मा के नेतृत्व में यह अनशन शुरू हुआ।
अमन पठान ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया कि छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने में भेदभाव किया जा रहा है, और विश्वविद्यालय आने-जाने के लिए बस सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि यह छात्रों के साथ अन्याय है, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विश्वविद्यालय एनएसयूआई प्रभारी तनय शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि कई छात्रों के मेडिकल प्रमाणपत्र स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं, और विश्वविद्यालय प्रशासन एक विचारधारा विशेष को बढ़ावा देता है, जबकि गांधीवादी विचारधारा का समर्थन करने वाले छात्रों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।
शाम को विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. अविनाश बाजपेई अनशन स्थल पर पहुंचे और छात्रों से बातचीत की। उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि जल्द ही विश्वविद्यालय में बस सुविधा चालू कर दी जाएगी और मेडिकल प्रमाणपत्रों को भी मान्यता दी जाएगी।
आंदोलन के दौरान प्रमुख छात्रों में अमन कुमार, विनय बनारसी, पीतांबर, रोहित, नरेंद्र, शिवानी, आकृति, आदिल और अभिषेक शामिल थे।