दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शहर में दूध के दामों में एक बार फिर वृद्धि की गई है। पहले गर्मी के दौरान दूध का दाम 65 से 68 रुपये प्रति लीटर तक कर दिया गया था, और अब नवरात्रि के बाद से इसे बढ़ाकर 70 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। ठंड के मौसम में आमतौर पर दूध की खपत कम होती है, लेकिन इसके बावजूद, दूध विक्रेताओं ने दाम बढ़ा दिए हैं, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ रहा है। आगामी दीपावली त्योहार को देखते हुए भी दूध के बढ़ते दामों ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या राजनीतिक और प्रशासनिक विसंगतियों का नतीजा है। दूध जैसी आवश्यक वस्तु को आज तक आवश्यक अधिनियम में शामिल नहीं किया गया है, जिसके चलते दूध विक्रेता अपनी मनमानी कर रहे हैं। जबलपुर जैसे महाकौशल अंचल में लंबे समय से दूध माफिया की मनमानी जारी है, और जिला प्रशासन इस मुद्दे पर असहाय दिखाई दे रहा है।
दूध के बढ़ते दामों के विरोध में इस बार शहर के वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनर्स एसोसिएशन ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने अपर कलेक्टर नाथूराम गौड को ज्ञापन देते हुए दूध के दामों पर नियंत्रण की मांग की और चेतावनी दी कि यदि उचित कदम नहीं उठाए गए तो वे प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे। ज्ञापन में कहा गया कि पिछले 6 महीनों से दूध की कीमत 68 रुपये प्रति लीटर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 70 रुपये कर दिया गया है।
दूध के दामों पर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। हर बार की गई कार्रवाई का दूध विक्रेताओं पर कोई असर नहीं होता है।