दैनिक सांध्य बन्धु गुना l जिले के राघौगढ़ के जंजाल इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें 10 वर्षीय बच्चा बोरवेल में गिर गया। यह घटना शनिवार को उस समय घटी जब सुमित मीणा नामक बच्चा अपने खेत पर गया था और वहां एक साल पहले खुदे गए बोरवेल में गिरकर फंस गया। बच्चा करीब 25 फीट की गहराई पर फंसा हुआ है, और उसे बचाने के लिए प्रशासन की टीम और पुलिस मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है।
यह घटना शनिवार शाम लगभग 4 बजे की है। सुमित मीणा, जो पीपल्या गांव का रहने वाला है, अपने खेत पर काम करने गया था। वह जंजाल इलाके में स्थित अपने खेत पर पहुंचा, जहां करीब एक साल पहले बोरवेल खुदवाया गया था। वहीं खेलते-खेलते वह अचानक बोरवेल में गिर गया। परिवार वालों ने जब काफी समय तक सुमित को नहीं पाया, तो उन्होंने उसकी तलाश शुरू की। थोड़ी देर बाद जब वे बोरवेल के पास पहुंचे, तो बच्चे का सिर दिखाई दिया, जिससे यह साफ हो गया कि वह बोरवेल में गिर चुका है। परिवार के लोग सकते में आ गए और तुरंत पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत
एसडीइआरएफ की मदद
रेस्क्यू ऑपरेशन को और तेज़ी से चलाने के लिए प्रशासन ने एसडीइआरएफ टीम को भी बुलाया। इस टीम में प्रशिक्षित बचावकर्मी होते हैं, जो ऐसी आपातकालीन स्थिति में त्वरित और प्रभावी रूप से कार्य करते हैं। एसडीइआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और उनके द्वारा किए गए प्रयासों से ऑपरेशन में गति आई।
ग्रामीणों और पुलिस का सहयोग
ग्रामीणों ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रशासन और पुलिस का पूरा सहयोग दिया। जैसे ही बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना मिली, कई ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और उन्होंने खुदाई का कार्य करने में मदद की। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान प्रशासन की पूरी कोशिश है कि बच्चे को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए। हालांकि, बोरवेल की गहराई और उसकी संरचना को ध्यान में रखते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन को सख्ती से और सावधानी से किया जा रहा है |
बच्चे की स्थिति
जानकारी के अनुसार चूंकि बच्चे का सिर बोरवेल के पास दिख रहा था, यह उम्मीद जताई जा रही थी कि वह ज्यादा गहरे नहीं गया है। लेकिन यह भी महत्वपूर्ण था कि रेस्क्यू टीम को यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे को बिना कोई और नुकसान पहुंचे सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला जा सके। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान प्रशासन और पुलिस की टीम ने स्थिति पर पूरी नजर बनाए रखी है । अधिकारी यह सुनिश्चित करने में लगे थे कि कोई भी जोखिम न हो और बच्चे को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जा सके।
बोरवेल सुरक्षा को लेकर सवाल उठे
यह घटना एक बार फिर बोरवेल सुरक्षा को लेकर सवाल उठाती है। कई बार हम देखते हैं कि खुले बोरवेल दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर खुले बोरवेल छोड़े जाते हैं, जिनमें बच्चे गिर सकते हैं। प्रशासन ने पहले ही इस दिशा में कई कदम उठाए हैं, लेकिन इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि खुले बोरवेल के मामले में और भी अधिक सतर्कता और ध्यान देने की आवश्यकता है।