Jabalpur News: कुत्ते नोंच रहे थे युवक का शव

सूचना पर पहुंचे मोक्ष के सदस्यों ने पीएम में रखवाया 

दैनिक सांध्य बन्धु  जबलपुर।  नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कैंसर के उपचार के लिए आए एक 25-30 वर्षीय युवक का शव सुबह से शाम तक लावारिस स्थिति में पड़ा रहा। मृतक सिहोरा निवासी पुरुषोत्तम भार्गव तिवारी की बहन अनुसूईया तिवारी ने बताया कि मृत्यु के बाद कथित तौर पर शव को मरचुरी में रखने से इनकार कर दिया गया। परिजन सहित शव को बाहर कर दिया गया जबकि ऐसी स्थिति में शव को मरचुरी में रखना मौलिक अधिकारी की श्रेणी में आता हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार स्थिति ये बनी की सुबह से शाम तक व्यथित बहन शव को गृहनगर ले जाने साधन तलाशती रही और दूसरी तरफ शव को कुत्ते झुण्ड लगाकर खींचने का प्रयास कर रहे थे। सूचना पर मौके पर पहुंचे मोक्ष के सदस्यों ने किसी तरह शव को पुन: मरचुरी में पीएम के लिए रखवाया।

108 एंबुलेंस छोड़ गई लावारिस दिव्यांग का शव..........

इसी तरह जहां डुमना चौकी अंतर्गत एक अन्य व्यक्ति का लावारिस शव मिलने की सूचना मोक्ष संस्था को मिली वहीं एक दिव्यांग के शव को बीती रात बगैर सूचना दिए 108 एंबुलेंस द्वारा मोक्ष आश्रय के सामने छोड़ दिया गया। शास्त्री नगर जेडीए स्थित एक युवक का शव सुबह से शाम तक लावारिस स्थिति में पड़ा रहा। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों को लोगों ने सूचनाएं देने का प्रयास किया लेकिन सभी ये बताते रहे कि वे शहर के बाहर हैं। किसी तरह क्षेत्रीयजनों ने मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर शाम 7 बजे संपर्क किया। मोक्ष द्वारा पुलिस को सूचित कर पंचनामे का आग्रह किया गया। संस्था के आशीष ने बताया कि 108 एंबुलेंस लावारिस मानसिक रोगियों अथवा लकवाग्रस्त बुजुर्गों को अस्प्ताल तो पहुंचा दे रहा हैं लेकिन अस्पताल में बगैर उपचार उन्हें कथित तौर पर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता हैं। स्थिति ये हैं कि 108 एंबुलेंस और कुछ मरीजों के रिश्तेदार भी उन्हें लावारिस स्थित में छोड़ कर बगैर सूचना के भाग जाते हैं। मोक्ष संस्था का कहना हैं कि ऐसे मामलों में अधिकारियों से संपर्क किया जाता हैं तो रटा रटाया देखते हैं का जुमला कह दिया जाता हैं।

चारों शवों का मोक्ष करेगा अंतिम संस्कार...........

मोक्ष के आशीष ठाकुर ने बताया कि इस तरह से संस्था को 4 लोगों के शव मिले हैं जिनमें से एक दिव्यांग बुजुर्ग के कपड़ों में गंदगी लिपटी हुई थी जबकि जेब में मेडिकल ओपीडी की पर्ची भी मिली। सूचना देकर मिले या फिर बगैर सूचना के मोक्ष आश्रय में छोड़े गए सभी शवों का मोक्ष संस्था ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए सभी का अंतिम संस्कार करने की बात कही हैं। इसके साथ ही संस्था ने सवाल भी उठाए हैं कि जरूरतमंद लोगों को आखिर क्यों समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा हैं।

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