दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शुक्रवार को जहां भारतीय जनता पार्टी जबलपुर ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिये रायशुमारी हुई, वही शनिवार को नगर अध्यक्ष के लिये चुनाव प्रभारी बंसली लाल गुर्जर के समक्ष रानीताल भाजपा कार्यालय में रायशुमारी हुई। सूत्रों के अनुसार रायशुमारी में अंतिम लिस्ट में आए नाम लिफाफे में बंद करके प्रदेश संगठन को आज सौंप दिये जाएंगे। अगले 3 दिन के अंदर नये नगर अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह 11 बजे से राज्यसभा सांसद बंसीलाल गुर्जर ने रानीताल स्थित संभागीय भाजपा कार्यालय में रायशुमारी प्रक्रिया शुरु की। यहां उन्होंने सांसद, विधायक, मंडल पदाधिकारियों के साथ साथ पूर्व पदाधिकारियों एवं जिला प्रतिनिधियों और निगम मंडलों के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों से वन टू वन चर्चा के बाद करीब एक दर्जन नामों की अंतिम सूची बनाकर लिफाफे में बंद कर दी। जिसे आज वो प्रदेश संगठन को सौंपेंगे। यहां प्रदेश नेतृत्व इन नामों से तीन नामों का पैनल बनाकर केंद्रिय नेतृत्व को भेजेगा, वहां से हरी झंडी मिलने के बाद 31 दिसम्बर को नये अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी।
जानकारों की मानें तो इस बार जबलपुर के दोनों अध्यक्ष पद पर चयन के लिये संगठन में तीन संभावित समीकरण पर चर्चा हो रही है। पहली जबलपुर की पुरुष प्रधान राजनीति को नियंत्रित करने के लिये इस बार पार्टी महिला कार्ड खेल सकती है। दूसरी नगर की जिस एक विधानसभा में भाजपा का प्रदर्शन अन्य सीट की तुलना में खराब था, वहां से ही अध्यक्ष चुना जाए। कयास लगाए जा रहे है कि इस बार शहर अध्यक्ष की कुर्सी जनरल और ग्रामीण अध्यक्ष की कुर्सी पिछड़ा वर्ग के कोटे में जा सकती है यह भी कहा जा रहा है के नगर अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष को लेकर बहुत खींचतान है यदि जबलपुर की घोषणा टली तो फिर लंबी टल जायेगी| अब देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसे और किस आधार पर नगर और ग्रामीण की जिम्मेदारी सौंपती है।
जानकारों की मानें तो इस बार जबलपुर के दोनों अध्यक्ष पद पर चयन के लिये संगठन में तीन संभावित समीकरण पर चर्चा हो रही है। पहली जबलपुर की पुरुष प्रधान राजनीति को नियंत्रित करने के लिये इस बार पार्टी महिला कार्ड खेल सकती है। दूसरी नगर की जिस एक विधानसभा में भाजपा का प्रदर्शन अन्य सीट की तुलना में खराब था, वहां से ही अध्यक्ष चुना जाए। कयास लगाए जा रहे है कि इस बार शहर अध्यक्ष की कुर्सी जनरल और ग्रामीण अध्यक्ष की कुर्सी पिछड़ा वर्ग के कोटे में जा सकती है यह भी कहा जा रहा है के नगर अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष को लेकर बहुत खींचतान है यदि जबलपुर की घोषणा टली तो फिर लंबी टल जायेगी| अब देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसे और किस आधार पर नगर और ग्रामीण की जिम्मेदारी सौंपती है।
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