दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। हिंदी विभाग एवं स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय महाकोशल स्वशासी महाविद्यालय जबलपुर के संयुक्त तत्वाधान में आज विश्व हिंदी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में डॉ. आशुतोष दुबे, प्राचार्य, केशरवानी महाविद्यालय, जबलपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी भारत की राजभाषा होने के साथ ही विश्व भर में विख्यात बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा को लोकप्रिय एवं वैश्विक स्तर पर इसके महत्व को स्थापित करने के लिए विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।
प्राचार्य डॉ. अलकेश चतुर्वेदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हिंदी विश्व में बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है हमें ही हिंदी को समृद्ध करते हुये आगे बढ़ाना है।
प्रो. अरुण शुक्ल, कार्यक्रम संयोजक ने विषय प्रवर्तन करते हुये कहा कि विश्व हिंदी दिवस की शुरूवात 10 जनवरी 2006 से की गई। पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 में नागपुर में आयोजित हुआ। जिसमें दुनिया भर के कई विद्वान और भाषाविद् सम्मिलित हुये। इसका उददेश्य भारतीय संस्कृति और पंरपरा को विश्वभर में प्रचारित प्रसारित करना एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हिंदी को बढ़ावा देना है। हिंदी हमारी मातृभाषा है हमारी संस्कृति की धारा है, राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।
कार्यक्रम में डॉ. तृप्ति उकास, डॉ. महेन्द्र कुमार कुशवाहा, डॉ. तरूणेद्र साकेत, अजय मिश्रा, अमर चौधरी, हरीष झारिया, सुषमा मौर्या, भारती चंद्रोल के साथ महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहें।