दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने सिविल जज भर्ती 2022 के विज्ञापन और भर्ती प्रक्रिया पर स्टे (रोक) लगा दिया है। यह स्टे 17 नवंबर 2023 को जारी विज्ञापन और 17 फरवरी 2024 को जारी सुधार पत्र (कोरिजॉन्डम) पर लगाया गया है।
याचिकाकर्ता ने अदालत में तर्क दिया कि इस भर्ती विज्ञापन में अनारक्षित वर्ग के लिए 17 बैकलॉग पदों को शामिल किया गया है, जो भर्ती प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश सिविल जज भर्ती परीक्षा नियम 1994 और इसके संशोधन (23/06/2023) के अनुसार आरक्षित वर्ग (ओबीसी, एससी, एसटी) के उम्मीदवारों को प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में अंकों में छूट का प्रावधान है, लेकिन विज्ञापन में इस छूट का कोई उल्लेख नहीं किया गया। यह संविधान के अनुच्छेद 14, 16, और 335 का उल्लंघन है।
कोर्ट ने भी माना कि सिविल जज भर्ती परीक्षा में कुल 195 पदों में से 134 बैकलॉग पद और 61 नए पद थे, जिसमें 17 अनारक्षित बैकलॉग पद शामिल थे। कोर्ट ने इसे संविधान के अनुरूप नहीं पाया।
हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन को निर्देश दिया कि वह इस मामले में संशोधन का प्रस्ताव भेजे। साथ ही, विज्ञापन, शुद्धि पत्र और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट प्रशासन और राज्य सरकार के विधि विभाग को नोटिस जारी किया गया है।
इस मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, परमानंद साहू, रामभजन लोधी और पुष्पेंद्र शाह ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखा।