दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर शंकराचार्य आश्रम, रमनगरा तिलवारा जबलपुर में मकर संक्रांति महापर्व के विशेष अवसर पर परम पूज्य ब्रह्मचारी श्री चैतन्यानंद जी महाराज श्री ने मकर संक्रांति महापर्व स्नान किया। तत्पश्चात् भगवान महामृत्युंजय श्री नर्मदेश्वर महादेव का महारूद्राभिषेक किया।भगवान सूर्य का 51,00 गुलाबों के पुष्पों से सहस्त्रार्चन पूज्य महाराज श्री के सानिध्य में एवं वैदिक ब्राह्मणों द्वारा किया गया। इस अवसर पर भक्तों को मकर संक्रांति महापर्व के विषय मे जानकारी देते हुए पूज्य महाराज श्री ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं।
चूँकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, अत: इस दिन को मकर संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है। । मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं।मकर संक्रान्ति के अवसर पर गंगास्नान एवं गंगातट पर दान को अत्यन्त शुभ माना गया है। इस पर्व पर तीर्थराज प्रयाग एवं गंगासागर में स्नान को महास्नान की संज्ञा दी गयी है। सामान्यत: सूर्य सभी राशियों को प्रभावित करते हैं, किन्तु कर्क व मकर राशियों में सूर्य का प्रवेश धार्मिक दृष्टि से अत्यन्त फलदायक है। यह प्रवेश अथवा संक्रमण क्रिया छ:-छ: माह के अन्तराल पर होती है। इस अवसर पर ब्रह्मचारी शाश्वतानन्द जी, गौरीशंकर तिवारी, अजय दुबे, सुधांशु गुप्ता,मनीष पाण्डेय, शशिकांत तिवारी, वसुंधरा पाण्डेय,ऋचा मिश्रा , हेमंत मिश्रा, मनोज सेन आदि उपस्थित रहे।