Jabalpur News: 31 करोड़ में बन रहा वर्किंग वुमेन हॉस्टल, महिलाओं ने उठाए स्थान पर सवाल, सुरक्षित नहीं मानतीं क्षेत्र

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। भारत सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है, जिसके तहत महिलाओं को किफायती दरों पर रहने के लिए हॉस्टल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना को 'वर्किंग वुमेन हॉस्टल' का नाम दिया गया है, और मध्यप्रदेश के जबलपुर और ग्वालियर में इसका शुभारंभ किया गया है।

जबलपुर शहर के तेवर क्षेत्र में लगभग 31 करोड़ रुपए की लागत से वर्किंग वुमेन हॉस्टल का निर्माण किया जा रहा है। यह हॉस्टल 0.84 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा और इसमें महिलाओं की सभी आवश्यकताओं का ख्याल रखा जाएगा, जैसे डाइनिंग रूम, लाइब्रेरी, वर्किंग स्पेस, जिम और गार्डन।

हालांकि, महिलाओं ने इस योजना की सराहना करते हुए इसके स्थान पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह हॉस्टल शहर से 15 किलोमीटर दूर स्थित है, जिससे वहां तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है।

कामकाजी महिलाएं हॉस्टल के स्थान पर असंतुष्ट हैं। प्रिया, जो एक बाइक शोरूम में काम करती हैं, ने कहा, "यह योजना हमारे लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसका स्थान शहर से दूर है। रात को 8 बजे ऑफिस से निकलने के बाद बाइपास पर स्थित तेवर तक पहुंचना सुरक्षित नहीं है। यह इलाका सुनसान है और यहां ट्रक व ढाबा ज्यादा हैं।"

वहीं, रोशनी, जो किराए के कमरे में रहती हैं, ने कहा, "जब हमने सुना कि सरकार वर्किंग वुमेन हॉस्टल बना रही है, तो बहुत खुशी हुई, लेकिन जब जगह तेवर सुनी, तो निराशा हुई। बाइपास पर अंधेरा रहता है, और रोजाना वहां तक जाना खतरे से खाली नहीं है।"

नगर निगम कमिश्नर प्रीति यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वर्किंग वुमेन हॉस्टल केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो जबलपुर और ग्वालियर में लागू की जा रही है। उन्होंने कहा, "तेवर एक आदर्श स्थान है। यहां बेहतर सुविधाएं और परिवहन की व्यवस्था है। महिलाओं के आने-जाने के लिए सिटी ट्रांसपोर्ट हमेशा उपलब्ध रहेगा।"

यह योजना 1972-73 में शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास प्रदान करना है। हरियाणा सरकार ने इस योजना को सबसे पहले लागू किया था, और अब भारत सरकार इसे देशभर में बढ़ावा दे रही है।

यह हॉस्टल महिलाओं को डाइनिंग रूम, लाइब्रेरी, वर्किंग स्पेस, जिम और गार्डन जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा। इसके नियमों के तहत महिलाएं रात 11 बजे तक हॉस्टल में लौटने की अनिवार्यता रखती हैं। तीन साल तक रहने की अनुमति होगी और अविवाहित या उन विवाहित महिलाओं को भी आवेदन करने का अधिकार होगा जिनके पति किसी अन्य राज्य में नौकरी करते हैं। पुरुष आगंतुकों के लिए लाउंज तक जाने की अनुमति होगी, जबकि मादक पदार्थों, शराब और धूम्रपान पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।

महिलाओं ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस हॉस्टल का निर्माण शहर के बीच में किया जाए, ताकि अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें। निहारिका, एक अन्य महिला कर्मचारी, ने कहा, "अगर यह हॉस्टल शहर में होता तो इसका लाभ ज्यादा महिलाएं उठा पातीं। तेवर जैसे दूरस्थ क्षेत्र में यह योजना महिलाओं के लिए उतनी उपयोगी नहीं होगी।"

जबलपुर नगर निगम ने यह दावा किया है कि यह हॉस्टल महिलाओं के लिए सुविधाजनक होगा। हालांकि यह शहर से दूर है, लेकिन सिटी ट्रांसपोर्ट की नियमित सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। नगर निगम का कहना है कि यह हॉस्टल एक साल में बनकर तैयार हो जाएगा और महिलाओं को सभी सुविधाएं प्रदान करेगा।

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