MP News: कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे और उनके परिवार पर EOW ने दर्ज की FIR

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। कांग्रेस विधायक और मध्यप्रदेश विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और उनके परिवार पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने गंभीर कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की है। मामला भोपाल आईएसबीटी प्रोजेक्ट में प्लॉट आवंटन में गड़बड़ी से जुड़ा है। इस घोटाले में हेमंत कटारे, उनकी पत्नी मीरा कटारे, भाई योगेश कटारे और बहू रुचि कटारे समेत कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

BDA के अधिकारियों पर भी केस दर्ज

इस मामले में भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) के तत्कालीन सीईओ केपी राही, ओएसडी मनोज वर्मा और मेसर्स हाई स्पीड मोटर्स पर भी धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने कटारे परिवार को नियमों के खिलाफ जाकर प्लॉट आवंटित किया और अवैध रूप से फायदा पहुंचाया।

शिकायतकर्ता सीआर दत्ता की शिकायत पर EOW ने इस घोटाले का खुलासा किया। जांच में सामने आया कि बिना निविदा के मनमाने तरीके से प्लॉट की कीमत तय की गई और भूमि उपयोग में बदलाव किया गया।

"EOW सरकार का दबाव बनाने का टूल" : हेमंत कटारे

एफआईआर के बाद हेमंत कटारे ने वीडियो जारी कर आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने कहा "सरकार विपक्ष की आवाज दबाने के लिए झूठे केस दर्ज करा रही है। जब मैं पहली बार विधायक बना, तब भी मुझ पर 6 झूठे मामले दर्ज हुए थे, जिन्हें कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस बार भी मैं कोर्ट जाऊंगा और निर्दोष साबित होऊंगा।" उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि EOW को सरकार ने ब्लैकमेलिंग का हथियार बना दिया है।

पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने उठाए सवाल

इस मामले में पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी मुख्यमंत्री और डीजीपी को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत कटारे के भाई योगेश कटारे पर 35 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। भूपेंद्र सिंह ने यह भी दावा किया कि भोपाल आईएसबीटी स्थित पेट्रोल पंप के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी होती है, जिसमें योगेश कटारे का संरक्षण है।

हेमंत कटारे ने साफ कर दिया है कि वे इस मामले को कोर्ट में चुनौती देंगे। वहीं, EOW अब पूरे घोटाले की विस्तृत जांच में जुट गई है। इस केस से मध्यप्रदेश की राजनीति में नई हलचल मच गई है। विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है, तो सरकार इसे भ्रष्टाचार पर सख्ती का कदम बता रही है। आगे की जांच में क्या खुलासे होते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा!

Post a Comment

Previous Post Next Post