Jabalpur News: विपक्ष के आंदोलन सिर्फ औपचारिकता जनता की समस्याएं जस की तस

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। संस्कारधानी में विपक्ष द्वारा 2023 से लेकर अब तक किए गए सभी आंदोलन केवल रस्म अदायगी बनकर रह गए हैं। चाहे वह दूध के दामों में वृद्धि का मुद्दा हो, बिजली विभाग द्वारा अनाप-शनाप बिल वसूलने और जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जाने का मामला हो, या फिर नगर निगम में व्याप्त अनियमितताओं को उजागर करने के लिए नगर निगम मुख्यालय और जोन कार्यालयों का घेराव - हर बार विपक्ष ने प्रदर्शन तो किया, लेकिन किसी भी मुद्दे को जन आंदोलन में बदलने में असफल रहा। 

शहर में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए भी विपक्ष ने कई बार विरोध प्रदर्शन किए। हत्या और लूट जैसी आपराधिक घटनाओं के बाद कैंडल मार्च भी निकाले गए, लेकिन जनता की समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुई हैं। हर आंदोलनों के बाद संबंधित विभाग के अधिकारी को एक ज्ञापन सौंप दिया जाता है प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आश्वासन दे दिए जाता है इसी रस्म अदायगी के बाद आंदोलन समाप्त हो जाता है। परंतु, आम जनता आज भी उन्हीं समस्याओं से रोज जूझ रही है। 

शहर में जलभराव की समस्या, गर्मी में जल संकट, नगर निगम के सफाई विभाग में भ्रष्टाचार, स्मार्ट सिटी परियोजना में अनियमितताएं और स्टेडियम में मॉर्निंग वॉकर्स से वसूली जाने वाली मनमानी फीस जैसे गंभीर मुद्दों पर भी विपक्ष ने प्रदर्शन किए, लेकिन किसी का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। विडंबना यह है कि आंदोलन करने के बाद विपक्षी नेता यह देखना भी जरूरी नहीं समझते कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का कोई समाधान निकला या नहीं। बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टरों में अपने आकाओं की तस्वीरें लगाकर खुद को आंदोलनकारी बताने वाले ये नेता केवल विज्ञप्ति वीर बनकर रह गए हैं। 

आज भी दूध के दाम अनियंत्रित हैं, शहर में हो रहे उत्पत्ति दूध को अन्य प्रदेशों में भेजा जा रहा है, हत्या और लूट जैसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, और आम जनता को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए नगर निगम और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। मॉर्निंग वॉकर्स को भी एक मोटी फीस चुकाने के बाद ही स्टेडियम में प्रवेश करने की अनुमति मिल रही है। अगर विपक्ष को वास्तव में जनता का समर्थन हासिल करना है, तो उसे केवल दिखावटी विरोध से आगे बढ़कर ठोस रणनीति अपनानी होगी। 

बिना जनता को जोड़े और प्रशासन पर लगातार दबाव बनाए बिना कोई भी आंदोलन सफल नहीं हो सकता। अन्यथा, ये विरोध प्रदर्शन केवल रस्म अदायगी बनकर ही रह जाएंगे।

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