दैनिक सांध्य बन्धु इटारसी। प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ में मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के मरोड़ा निवासी उमेश सराठे की मौत हो गई थी। हादसे के बाद परिवार को अब तक किसी भी सरकार से आर्थिक या प्रशासनिक सहायता नहीं मिली है।
मृतक के भाई अनिल सराठे और बेटे नारायण सराठे ने आरोप लगाया कि उमेश की मौत के बाद भी डॉक्टरों ने उन्हें रेफर कर दिया। शव को घर लाने के लिए परिवार को चार अलग-अलग एंबुलेंस बदलनी पड़ीं, और इसके लिए उन्हें 40 हजार रुपये खर्च करने पड़े।
उमेश सराठे के निधन के बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनकी पत्नी अनिता सराठे अभी तक इस सदमे से उबर नहीं पाई हैं। मृतक के दो बेटे और एक बेटी हैं। इस बार होली का त्योहार उनके परिवार के लिए बेहद दर्दनाक रहा, क्योंकि यह उमेश के निधन के बाद उनकी पहली होली थी।
रिश्तेदारों संग कुंभ स्नान को गए थे उमेशउमेश सराठे
27 जनवरी को उमेश सराठे अपने रिश्तेदारों पप्पू सराठे, रामस्वरूप सराठे, बल्ला सराठे, रतन लाल सराठे और सुदामा सराठे के साथ कुंभ स्नान के लिए गए थे। ये सभी सोहागपुर के पास अजब गांव के रहने वाले हैं।
30 श्रद्धालुओं की मौत, 45 घायल
28-29 जनवरी की रात मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम नोज इलाके में अचानक भगदड़ मच गई। इस हादसे में आधिकारिक तौर पर 30 लोगों की मौत हुई और 45 लोग घायल हो गए। घायल श्रद्धालुओं का इलाज प्रयागराज के विभिन्न अस्पतालों में किया गया।
सरकार से अब तक किसी भी प्रकार की सहायता न मिलने पर उमेश सराठे का परिवार न्याय और मदद की गुहार लगा रहा है।